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दो निजी विश्वविद्यालयों के नाम से जारी 80 डिग्रियां फर्जी पाई गई।

शिमला (हिमदेव न्यूज़) हिमाचल प्रदेश के दो निजी विश्वविद्यालयों के नाम पर किसी और ने 80 फर्जी डिग्रियां ही बेच डालीं। नौकरी देने से पहले पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से सत्यापन के लिए आई डिग्रियों की जांच में यह खुलासा हुआ है। निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने संबंधित विश्वविद्यालयों को इस बाबत एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश जारी किए हैं। पड़ोसी राज्यों में सरकारी सहित बड़ी निजी कंपनियों में नौकरियां देने से पहले डिग्रियों की जांच करवाई जाती है। प्रदेश में बीते दिनों कई निजी विश्वविद्यालयों में सत्यापन के लिए सैकड़ों डिग्रियां पहुंचीं। इनमें दो निजी विश्वविद्यालयों के नाम से जारी 80 डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं।इन डिग्रियों को संबंधित निजी विश्वविद्यालयों की ओर से विस्तृत जांच के बाद फर्जी करार दिया गया है। जब निजी विश्वविद्यालयों ने सत्यापन के लिए आई डिग्रियों को रिकॉर्ड से मिलाया तो इनका उल्लेख कहीं नहीं मिला। इस कारण निजी विश्वविद्यालयों ने इन डिग्रियों को फर्जी करार दिया है। निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग को निजी विश्वविद्यालयों ने इस बाबत सूचना दे दी है। उधर, विनियामक आयोग के पास भी कुछ डिग्रियां सत्यापन के लिए आई थीं, जिन्हें संबंधित विश्वविद्यालयों को भेजा गया। इनमें भी कई डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं।विश्वविद्यालय प्रबंधन बताते हैं कि असली और नकली डिग्रियों में भेद करना आसान नहीं है। फर्जी डिग्रियां बनाने वाले गिरोह ने लोगो भी एक समान बनाए हैं। प्रिंटिंग के दौरान डिग्री के लिए इस्तेमाल होने वाला विशेष पेपर भी लगाया गया है। एक नजर में इन डिग्रियों में अंतर करना मुश्किल है। विश्वविद्यालयों में दर्ज रजिस्ट्रेशन नंबर सहित हाजिरी, फीस, और नाम-पते को जांचने के बाद ही फर्जी डिग्रियों का पता चल सकता है।सत्यापन के लिए आई 80 डिग्रियां जांच में फर्जी पाई गई हैं। निजी विश्वविद्यालयों की ओर से इस बाबत सूचना दे दी गई है। किसी भी विश्वविद्यालय की ओर से ये डिग्रियां जारी नहीं हुई हैं। आयोग ने फर्जी डिग्रियों के संदर्भ में संबंधित निजी विश्वविद्यालयों को पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाने को कहा है। सरकार को भी इस संदर्भ में अवगत करवाया जा रहा