विवि पुस्तकालय की दशा और व्यवस्थाओं में जल्द हो सुधार : कमलेश ठाकुर
पुस्तकालय में छात्रों को आ रही समस्याओं को दूर करने की उठाई मांग
शिमला हिमदेव न्यूज़ 02 सितम्बर 2022 अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा मंगलवार दोपहर को पुस्तकालय प्रभारी को ज्ञापन सौम्पा गया। विद्यार्थी परिषद ने इस ज्ञापन के माध्यम से मांग कि पुस्तकालय में छात्रों को आ रही विभिन्न समस्याओं का जल्द से जल्द विवि प्रशासन समाधान करे। इकाई अध्यक्ष कमलेश ने अपनी मांगों को विस्तार से बताते हुए कहा कि विवि पुस्तकालय में बैठने के लिए कुर्सियों की उचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि हम देखते हैं कि आने वाले समय में हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शोध प्रवेश परीक्षा एवं नायब तहसीलदार जैसे पदों के लिए परीक्षा होने जा रही है। विवि में पढ़ने वाला अधिकतम छात्र इन परीक्षाओं की तैयारी में जुटा हुआ है। इन्हीं परीक्षाओं की तैयारियों के लिए छात्र दिन रात लाइब्रेरी में डटे हुए हैं लेकिन लाइब्रेरी में उनके बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है जिसके कारण उनको निराश होकर अपने कमरों में पढ़ने के लिए विवश होना पड़ रहा है। इसीलिए विद्यार्थी परिषद यह मांग करती है कि छात्रों के लिए लाइब्रेरी में बैठने के लिए कुर्सियों की उचित व्यवस्था की जाए। अपनी दूसरी मांग को लेकर कमलेश ने कहा कि पुस्तकालय में लगे सभी चार्जिंग पॉइंट्स एवं पीने के पानी के फ़िल्टर्स को तुरंत प्रभाव से दुरुस्त किया जाए एवं पुस्तकालय के सभी शौचालयों में सफाई की उचित व्यवस्था की जाए ताकि छात्रों को वहां पर किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। अपनी तीसरी और अंतिम मांग को लेकर कमलेश ने कहा कि पुस्तकालय के 24×7 विभाग में वेंटीलेशन की उचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा की प्रयाप्त वेंटीलेशन न होने से किसी भी बीमारी के संक्रमण बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। कोविड के बढ़ते खतरे को देखते हुए 24×7 विभाग में वेंटीलेशन की उचित व्यवस्था की जाए। कमलेश ने कहा कि विद्यार्थी परिषद विवि प्रशासन से छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए जल्द उचित कार्यवाही की उम्मीद करती है। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी देते हुए भी कहा कि अगर जल्द से जल्द इन मांगों को लेकर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो आने वाले समय में विद्यार्थी परिषद उग्र से उग्र आंदोलन करेगी इसके लिए पूर्ण रूप से विश्वविद्यालय प्रशासन जिम्मेदार रहेगा।