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सात साल बाद प्रतिभा सिंह दोबारा चुनावी अखाड़े में उतरीं और जीत दर्ज की।

शिमला (हिमदेव न्यूज़) 08 दिसंबर 2022 किसी ईमानदार या कर्तव्यनिष्ठ आदमी के सिर पर जिम्मेदारी आ जाए तो वह पूरे तन-मन-धन से निभाता है। यही जिम्मेदारी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने बाखूवी निभाई। छह महीने पहले ही उनको जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उनके सामने चुनौतियां कम नहीं थीं। प्रदेश में तो बीजेपी कायम थी पर केंद्र में भी बीजेपी कायम थी। शुरू-शुरू में अंतर्कलह ने परिस्थितियों को पेचीदा कर दिया। इस बीच उन्हें कुछ कड़े फैसले भी लेने पड़े। फिर भी हिम्मत नहीं हारी और पूरी शिद्दत और हिम्मत के साथ मैदान में डटी रहीं। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में कांग्रेस की बल्ले-बल्ले हो गई। अगर हम प्रतिभा सिंह के राजनीतिक करियर की बात करें तो छह प्रदेश के सीएम रहे स्व वीरभद्र सिंह की धर्मपत्नी प्रतिभा सिंह 1998 में राजनीति में सक्रिय हुई थीं। उन्होंने पहला चुनाव मंडी संसदीय क्षेत्र से लड़ा था। तब माहेश्वर सिंह ने उन्हें करीब सवा लाख मतों से हरा दिया था। महेश्वर सिंह उनके समधी हैं। 1998 में केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी थी। सरकार 13 माह ही चल पाई थी।वहीं 1999 में दोबारा फिर से लोक सभा चुनाव हुआ मगर यह चुनाव उन्होंने नहीं लड़ा। इसके बाद वर्ष 2014 के आम लोकसभा चुनाव में उन्होंने महेश्वर सिंह को हरा दिया। वर्ष 2009 का लोकसभा चुनाव उनके पति स्व वीरभद्र सिंह ने लड़ा। इसके बाद वर्ष 2012 में वीरभद्र सिंह सीएम बन गए और उन्होंने त्यागपत्र दे दिया। वर्ष 2013 में उपचुनाव हुआ और प्रतिभा सिंह तीसरी बार मैदान में उतरीं। तब उन्होंने जयराम ठाकुर को 1.39 मतों से हरा दिया। वहीं 2014 में बीजेपी के रामस्वरूप शर्मा ने उन्हें 39 हजार से अधिक मतों से हरा दिया था। प्रदेश में उस समय कांग्रेस सरकार थी। प्रतिभा सिंह की हार से सब दंग रह गए थे। 2021 में करीब सात साल बाद प्रतिभा सिंह दोबारा चुनावी अखाड़े में उतरीं और जीत दर्ज की। 26 अप्रैल 2022 को हाईकमान ने प्रतिभा सिंह हिमाचल प्रदेश कांग्रेस का 32वां अध्यक्ष बनाया। मंडी उपचुनाव में सत्तारूढ़ सरकार को चारों खाने चित करने वाली पूर्व सीएम दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी सांसद प्रतिभा सिंह के सहारे पार्टी हाईकमान ने सत्ता में वापसी की योजना बनाई।