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Akhil Bharatiya Akhara Parishad New Mahant will be Balvir Giri Wont get As much Power advisory Board will be made upns | बलवीर गिरी होंगे बाघंबरी मठ के नए महंत, लेकिन नहीं मिलेगी पूर्व महंतों जैसी ‘ताकत’, जानें वजह

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद बाघंबरी मठ के उत्तराधिकारी की गद्दी खाली थी. अब गद्दी के उत्तराधिकारी का फैसला हो गया है. बता दें, बलवीर गिरी का ही उत्तराधिकारी के तौर पर चयन किया गया है. यह वही बलवीर गिरी हैं, जिनका जिक्र नरेंद्र गिरी के कथित सुसाइड नोट में भी किया गया था. अब 5 अक्टूबर को बलवीर गिरी नरेंद्र गिरी की गद्दी पर बैठेंगे. हालांकि, सुसाइड नोट सामने आने के बाद से गद्दी पर बैठने के लिए नियम और शर्तें कड़ी कर दी गई हैं. 

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पिछले महंतों जितनी ताकत नहीं मिलेगी
जानकारी के मुताबिक, 28 सितंबर की रात में काफी विचार-विमर्श के बाद बलवीर गिरी को गद्दी सौंपने का फैसला लिया गया था. लेकिन, बताया जा रहा है कि बलवीर गिरी के पास वह सारी ताकतें नहीं होंगी जो पूर्व महंतों के पास थीं. यानी कि बलवीर गिरी पर सुपर एडवाइजरी बोर्ड की लगाम रहेगी. यह बोर्ड निरंजनी अखाड़े और मठ के 5-6 माननीय लोगों से मिलकर बनेगा, जो मठ और अखाड़े की परंपरा को अच्छी तरह जानते हैं. उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा के साथ ही बोर्ड गठित करने का फैसला भी लिया गया था. 

इन वजहों से बनी एडवाइजरी कमेटी
बता दें कि महंत नरेंद्र गिरी के सुसाइड नोट में मठ की संपत्ति को लेकर विवाद की बातें सामने आई थीं. ऐसे में मठ के लोगों को यह चीज पसंद नहीं आई. इस वजह से एडवाइजरी कमेटी बनाने का निर्णय लिया जा रहा है. 
दूसरी बात, नरेंद्र गिरी और उनके शिष्य आनंद गिरी के विवाद को लेकर चर्चाएं बढ़ गई थीं. इस वजह से मठ की छवि पर भी गहरा असर पहुंचा है.
आनंद गिरी पर पहले से ही सनातन धर्म के मुताबिक न चलने के आरोप लगते आए हैं. इसी बीच कथित सुसाइड नोट में यह बात भी सामने आई थी कि आनंद गिरी नरेंद्र गिरी की कोई वीडियो फोर्ज कर के वायरल करने वाला था. 

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यह होगा एडवाइजरी बोर्ड का काम
एडवाइजरी बोर्ड का काम होगा महंत को सलाह देना और उनके काम की समीक्षा करना.
इसके अलावा, महंत अगर किसी विवाद में घिरते हैं तो उससे पूछताछ अधिकार भी एडवाइजरी बोर्ड के पास होगा.
महंत के चरित्र पर कभी कोई दाग लगता है तो यह बोर्ड तुरंत एक्टिव हो जाएगा. बोर्ड के पास अधिकार होगा कि वह महंत पर कार्रवाई कर सके. 

महंत बनने की होंगी शर्तें
अब नए नियमों के मुताबिक, महंत की गद्दी पर बैठने के लिए कुछ शर्तों का पालन करना होगा. यह शर्तें कानूनी तौर पर तो नहीं हैं, लेकिन इसे मठ के संविधान के तौर पर देखा जाएगा. कहा जा रहा है कि यह शर्तें पहले भी थीं, लेकिन अब इनका डॉक्यूमेंटेशन गद्दी लेने के साथ ही होगा.

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