



क्या पुलिस Motor Vehicles Act के प्रावधानों को लागू करने के तरीकों से जनता से दूरी नहीं बना रही ?
आज कल पुलिस मोटर वाहन के चालान पर जायदा फोकस करती है क्यों कि यह धौंस जमाने का सबसे आसान तरीका है।
चालान करने में न तो कोई विशेष skill की जरूरत है न ही विशेष योगयता चाहिए और पुलिस वर्किंग मे सबसे आसान काम है। गम्भीर अपराधों के अन्वेषण मे तो दिमाग लगाना पड़ता है।
चालान करने वालों को अधिकतर lower rank के कर्मचारियो को चालान के उदेश्य का ज्ञान नही होता कि इन laws को बनाने और लागू करने के पीछे इरादा और नीयत क्या है।
अधिक से अधिक चालान की संख्या पुलिस को चाहिए,चाहे वे सही हैं या गलत हैं,…क्या इसके पीछे उदेशय अपनी वाही वाही लूटना और नम्बर बनाना तो नहीं है।
टारगेट फिक्स करने से right और wrong की पहचान को दरकिनार कर दिया जाता है।
चालान करने वालों को अथॉरिटी मिलने के कारण उनकी ego सुपर ego मे परिवर्तित हो जाती है। और human sense और human values से दूर हो जाते हैं। परिणामस्वरूप जनता से दुर्व्यव्हार्, फिर जनता पुलिस को क्योँ सहयोग देगी।
Traffic wing के कर्मचारियो को कानूनी धाराओ के साथ साथ मानवीय मूल्यों का प्रशिक्षण भी compulsory होना चाहिए।
ट्रैफिक wing के कर्मचारियो के व्यवहार के साथ साथ उनकी body language के बारे ट्रेनिंग होनी जरूरी है, इसके उपरांत इसकी पालना पर वरिष्ठ अधिकारियों को check रखने की जरूरत है।
Traffic Challan के पीछे corruption भी एक कारण है। कई कर्मचारियो का अवैध धन वसूली भी इस क्षेत्र मे अधिक फोकस करने का कारण है।
मित्रो यह मेरे व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर विश्लेषण है । खैर हम सब लोगों ने यह कार्य किया है, कार्य करने का तरीका अपना अपना होता हैं। जनता मे भी बहुत सी कमिया हैं परन्तु जब तक आम जन मानस पुलिस को प्रोफेशनल परिपक्व नहीं मानेगा, पुलिस को कानून व्यवस्था लागू करने के लिए सहयोग को आगे नहीं आएगा।
Paras Ram
Retd. Dy. SP
HP Police