सबकी खबर , पैनी नज़र

बाबू जी (सुरेंद्र शर्मा)

देखते हैं जब भी हम
काम में व्यस्त है बाबू जी
सुबह हो या शाम
आराम कभी करते नहीं बाबू जी

हो कोई खुशी की बात
सबसे पहले बताते हैं बाबू जी
परेशानियों से हमको
दूर ही रखते हैं बाबू जी

हमारे जीवन का सहारा है
हमारा हौसला है बाबू जी
मिल जाता है जो भी चाहिए
जादू की छड़ी है बाबू जी

इकठ्ठे रखता है जो परिवार को
वो चुंबक होते हैं बाबू जी
हो कोई भी मुसीबत रास्ते में तेरे
हमेशा साथ देते हैं बाबू जी

नाम रोशन करें उनका हम
बस यही चाहते हैं बाबू जी
जीवन में कुछ करके दिखाएं
यही दुआ करते हैं बाबू जी

करते हैं प्यार बहुत हमसे
जताते नहीं है बाबू जी
लग जाए कहीं चोट हमको
घबरा जाते हैं बाबू जी

है बस नारियल जैसे वो
बाहर से कड़क लगते हैं बाबू जी
है अंदर से मुलायम बहुत
गरी सरीखे लगते हैं बाबू जी

है तेरा वजूद उनसे ही
तुझमें अपना अक्स ढूंढते हैं बाबू जी
कभी अपने लिए नहीं जीते
हमेशा हमारे लिए ही जीते हैं बाबू जी।