Patna: जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपनी स्थिती स्पष्ट कर दी है. केन्द्र सरकार किसी भी हालत में जातिगत जनगणना कराने की स्थिती में नहीं हैं. लेकिन जेडीयू की पीएम मोदी से अभी भी उम्मीदें बरकरार है. जातिगत जनगणना (Caste Census) पर अब बीजेपी के नेता भी खुलकर बोलने लगे हैं.
RJD ने नीतीश को NDA छोड़ने की दी चुनौती
मंत्री जनक राम ने तो यहां तक कह दिया है कि जाति के नाम पर सियासत की दुकान चलाने वालों की दुकान जल्द बंद होने वाली है. वहीं, आरजेडी ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को बीजेपी का साथ छोड़ गठबंधन से बाहर आने की चुनौती दे डाली है.
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केन्द्र ने जातिगत जनगणना से किया इन्कार
दरअसल, जातिगत जनगणना (Caste Census) पर केंद्र सरकार (Central Government) की ‘ना’ ने सीएम नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. बिहार के सभी राजनीतिक दलों के साथ पीएम से मुलाकात करना और जातिगत जनगणना की मांग रखने की कवायद पर पानी फिर चुका है. ऐसे में अब सवाल ये उठ रहे हैं कि नीतीश कुमार आगे क्या फैसला लेंगे? लेकिन उससे पहले आरजेडी ने नीतीश कुमार को फैसला लेने की चुनौती दे डाली है.
‘नीतीश कुमार इस पाप बच नहीं सकते’
आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा, ‘दुकान तो अब भाजपा की बंद होंगी. पार्लियामेंट में जाति बीजेपी गिनाती है. किस जाति को मंत्री बनाया ये बीजेपी बताती है. बीजेपी को समझ लेना चाहिए कि ये कहानी आगे नहीं चलेगी. जाति गिनने में क्यों कष्ट है? जाति का जनगणना आरजेडी का कमिटमेंट है. हम चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चलाएंगे. नीतीश कुमार जिस गठबंधन में हैं उस गठबंधन की सरकार ने निर्णय लिया है. आप इस पाप से बच नहीं सकते हैं. अगर आप जातिगत जनगणना के मसले पर अडिग हैं तो गठबंधन तोड़कर बाहर आईए.’
JDU को केंद्र सरकार से आस
हालांकि, जेडीयू को अभी भी केंद्र सरकार से उम्मीदें बरकरार हैं. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) ने कहा है कि केन्द्र सरकार ने जातिगत जनगणना के मसले पर कोर्ट को सिर्फ जानकारी दी है, अभी फैसला नहीं लिया है. फैसला आने दीजिए.
‘PM मोदी से पॉजिटिव रिस्पांस की उम्मीद’
मंत्री संजय झा ने कहा, ‘बिहार के सभी दलों ने बीजेपी के साथ नीतीश कुमार के नेतृत्व में पीएम से मुलाकात की. पीएम ने हमारी बातों को सुना. मामले पर गौर करने की भी बात कही है. हमें उम्मीद है कि पॉजिटिव रिस्पांस आएगा. ये सिर्फ एक पार्टी की भावना नहीं. सभी दलों की भावना है. 1931 में जो कास्ट सेंसस हुआ उसका डेटा काफी कम दिया गया है. ऐसे में एक बार जातिगत जनगणना हो जाना चाहिए.’
RJD ने अतिपिछड़ा के लिए क्या किया?
झा ने आगे कहा, ‘आरजेडी ने तो अतिपिछड़ा के लिए कभी कुछ किया नहीं. सिर्फ वोट लेते रहे. नीतीश कुमार जब सत्ता में आए तब अतिपिछड़ा के लिए काम किया. पंचायत में आरक्षण, नौकरी, स्कॉलरशिप के लिए जो भी किया वो नीतीश कुमार ने किया है. हमारे नेता ने 1990 से लगातार जातिगत जनगणना का मसला उठाया है. हम इंतजार करेंगे.’
‘जाति की राजनीति करने वालों की दुकान बंद होने वाली’
इधर, बीजेपी नेता और बिहार सरकार में मंत्री जनक राम (Janak Ram) ने जेडीयू समेत उन तमाम दलों पर बड़ा हमला बोल दिया है जो जातिगत जनगणना के पक्षधर हैं. जनक राम ने कहा कि जो लोग जाति-जाति करते रहते हैं उन्हे बताना चाहिए कि 15 साल के शासनकाल में 243 विधानसभा क्षेत्रों में कितनी जातियों को समाहित किया. उनकी सरकार में बीबी विश्वास, चंपा विश्वास, जी कृष्णैया जी हों सबकी स्थिती देखी. रमई राम जी को सोने का मुकुट पहनाया गया तो उनकी क्या स्थिती कर दी गयी. हम जाति की राजनीति नहीं करते, विकास की राजनीति करते हैं. लोगों को विकास भा रहा है. जिनकी राजनीति बंद होने के कगार पर है वो अपनी दुकान बचाने के लिए जाति का राग अलाप रहे.