



लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार शाम लखनऊ 5 कालीदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर विक्रम संपत की पुस्तक ”सावरकर-एक भूले बिसरे अतीत की गूंज” (Savarkar: Echoes from a Forgotten Past, 1883–1924 weitten by Vikram Sampath) का विमोचन किया. इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वीर सावरकर की बातें मानी गई होतीं तो देश का बंटवारा नहीं होता. लोगों को विघटन का दंश नहीं झेलना पड़ा होता. इतिहासकारों ने इतिहास लेखन में सावरकर के साथ न्याय नहीं किया है.
सावरकर के पूरे परिवार ने आजादी के लिए अपना सर्वस्य न्योछावर किया
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वीर सावरकर के पूरे परिवार ने देश की आजादी के लिए सर्वस्य न्योछावर किया. इसके बावजूद इतिहास में सावरकर और उनके परिवार लेकर विवादों को जन्म दिया गया. सीएम योगी ने कहा कि वीर सावरकर की जब भी चर्चा होती है तो देश में दो धाराएं स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं. एक धारा जो भारत को दुनिया की बड़ी ताकत के रूप में देखना चाहती है. वह जो भारत को आगे बढ़ाने में लगी हुई है. दूसरी धारा जो भारत को भारत नहीं रहने देना चाहती है. उनके मन में निराशा और हताशा है.
सावरकर पिछली सदी के सबसे बड़े क्रांतिकारी थे, उनसे बड़ा कोई नहीं
सीएम योगी ने कहा कि वीर सावरकर पिछली सदी के सबसे बड़े क्रांतिकारी थे. उनसे बड़ा क्रांतिकारी कोई नहीं है. उनसे बड़ा दार्शनिक और उनसे बड़ा कवि कोई नहीं है. सावरकर भारत मां के ऐसे सपूत हैं जिसने देश के लिए दो बार कठोर कारावास भुगता है. वीर सावरकर के साथ इतिहास ने न्याय नहीं किया है. यह हर उस महापुरुष के साथ हुआ, जिसने भारत को एक सोच दी, एक दृष्टि दी. आप इतिहास के पन्नों को कुछ अक्षरों से रंग करके बदसूरत बनाने का पाप कर सकते हैं, लेकिन जो स्मारक, भूगोल, लोकगाथाएं हैं, वे सब चिल्ला-चिल्लाकर महापुरुषों की गाथाएं गाती हैं.
इतिहासकारों ने महान क्रांतिकारी सावरकर के साथ कभी न्याय नहीं किया
सीएम योगी ने कहा, ”मुझे सावरकर से जुड़े दो स्थानों पर जाने का मौका मिला है. एक उनके पैतृक गांव नागपुर और दूसरा अंडमान का सेलुलर जेल. अंडमान की जेल में उनके भाई भी बंद थे. दस साल तक सावरकर और उनके भाई सेलुलर जेल में बंद रहे, लेकिन दोनों ने एक दूसरे को देख नहीं पाए. सावरकर का पूरा परिवार भारत की स्वाधीनता के लिए किस समर्पण भाव से काम कर रहा था, उसे इतिहासकारों ने देखा ही नहीं. इतिहासकारों ने उस महान क्रांतिकारी के साथ कभी न्याय नहीं किया.
सावरकर की मानते तो भारत आतंकवाद और उग्रवाद चपेट में नहीं आता
यूपी के मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत जिस दृष्टि के साथ आगे बढ़ रहा है, सावरकर अपनी लेखनी के माध्यम से सौ साल पहले इसके बारे में बता चुके हैं. उनकी बातों को तब माना गया होता तो देश कभी नहीं बंटता. भारत कभी आतंकवाद और उग्रवाद की चपेट में नहीं आता. जब मैं संसद सदस्य था, एक केंद्रीय मंत्री ने सेलुलर जेल में वीर सावरकर के नाम की लगी पट्टिका हटवा दी थी. तब काफी विवाद हुआ था. सावरकर के बारे में क्या-क्या नहीं बोला गया. विक्रम ने सावरकर के बारे में लोगों को सच्चाई बताने के लिए किताब लिखना शुरू किया. वह आज लोगों को वीर सावरकर के बारे में सच्चाई बताने में सफल हो रहे हैं.
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