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Congress Number Game Plan for UP Assembly Election 2022 main focus on 93 seats see the details uppm | जीत के लिए कांग्रेस ने शुरू किया आंकड़ों पर मंथन, मिशन 2022 को लेकर ये है पार्टी का ‘नंबर गेम’

मयूर शुक्ला/लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव में कुछ ही समय बाकी है. ऐसे में कांग्रेस नंबर गेम खेलने में लगी है. 2017 चुनाव में 49 सीटों पर दूसरे नंबर पर रहने वाली कांग्रेस अब इन्हीं सीटों पर ज्यादा जोर आजमाइश करने जा रही है. कांग्रेस ने आंकड़ों पर मंथन करना शुरू कर दिया है. कहां पर कितनी मेहनत करनी है इसका आंकलन भी किया जा रहा है. तो आइये जानते हैं कि आगामी 2022 चुनाव को लेकर कांग्रेस का नंबर गेम क्या है….

49 सीटों पर दूसरे नंबर पर थी कांग्रेस 
2017 यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 7 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की. वहीं, 49 सीटों पर कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी. लेकिन अब कांग्रेस ने दूसरे नंबर को बदल कर पहला नंबर करने की ठान ली है. मकसद साफ है कि पिछली बार जिन 49 सीटों पर कुछ वोट से उनके प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे थे. अब उन्हीं 49 सीटों पर और ज्यादा मेहनत करनी है. जो नुकसान पिछली बार हुआ, उसकी भरपाई करने की कवायद भी रहेगी. 

क्या है कांग्रेस का नंबर गेम?
अब जरा कांग्रेस का नंबर गेम भी समझते हैं. 7+49+37=93 इस समीकरण के आधार पर कांग्रेस का 93 सीटों पर फोकस है. सोच स्पष्ट है कि भले ही उत्तर प्रदेश की सत्ता उनके हाथ से काफी दूर है, लेकिन एक मजबूत विपक्ष बनकर उभरना है. इसको लेकर अभी से मेहनत करना जरूरी हो जाता है. मकसद ये भी है कि जिन सीटों पर दावेदारी मजबूत हो, वहां ज्यादा धन-बल लगाया जाए वरना पूरे प्रदेश की लालच में जो हाथ में है, कहीं वो भी न फिसल जाए. 

सपा ने कसा तंज-गफलत में ना रहे कांग्रेस 
49 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही कांग्रेस अपनी इस उपलब्धि को लेकर जहां एक तरफ अपने गाल बजा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने उनके इस नंबर गेम पर तंज कसा है. सपा का मानना है कि 2017 में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन था. उसी का फायदा कांग्रेस को मिला था, क्योंकि समाजवादी पार्टी का जो भी वोट बैंक है वह कांग्रेस की तरफ ट्रांसफर हो गया था. लेकिन अगर जमीनी हकीकत की बात करें, तो स्थिति कुछ और ही है. कांग्रेस को इस गफलत में नहीं रहना चाहिए कि वह दूसरे नंबर की पार्टी है.

यूपी में कांग्रेस का नहीं है कोई वजूद
जहां एक तरफ कांग्रेस आंकड़ों के दांवपेच में लगी है, तो वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को उनके इस नंबर गेम से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. बीजेपी का मानना है कि कांग्रेस उनके आगे कहीं नहीं ठहरती. ना ही उत्तर प्रदेश में उसका कोई वजूद है. ऐसे में कांग्रेस कितने भी हाथ-पैर मार ले, जनता उनके बहकावे में आने वाली नहीं है.

यह बात तो सही है कि जहां आप दूसरे नंबर पर रहे हैं, वहां पर थोड़ी और मेहनत करके पहले नंबर पर आया जा सकता है. लेकिन पिछले 4.5 सालों में कांग्रेस की जो स्थिति हुई है, उसे देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि 49 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही कांग्रेस कहीं और नीचे ना खिसक जाए.

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