सबकी खबर , पैनी नज़र

face of dead body spoiled in Bhind accident now deadbody identified by thumb impression of aadhar mpsn | भिंड हादसे में बिगड़ गया था शव का चेहरा, तकनीक की मदद से अब ऐसे हुई पहचान

प्रदीप शर्मा/भिंड: भिंड पुलिस के काम करने का तरीका अत्याधुनिक होता जा रहा है. जिसका ताजा उदाहरण भिंड के गोहद में हुए बस हादसे में देखने को मिला. जब एक मृतक की पहचान शुक्रवार देर रात तक नहीं हो सकी तो पुलिस ने उसके थम्ब इम्प्रेशन यानी अंगूठे के निशान के जरिए उसकी आधार डिटेल निकालकर पहचान की और पुलिस ने युवक के घर का पता निकाल लिया.

छत्तीसगढ़ में सियासी हलचल के बीच कांग्रेस ने CM बघेल पर जताया भरोसा, प्रियंका गांधी की टीम में जगह

हादसे के बाद सातवें शव की नहीं हो पा रही थी पहचान
भिंड जिले में यह पहली बार देखने को मिल रहा है कि पुलिस अज्ञात मृतकों की पहचान के लिए टेक्नॉलजी का सहारा ले रही है. मामला शुक्रवार को गोहद में हुए हादसे से जुड़ा है, गोहद में हुए भीषण हादसे में ग्वालियर से बरेली उत्तरप्रदेश जारी बस में सवार 7 लोगों की मौत हो गयी थी. जिनमें पुलिस ने शाम तक 6 मृतकों की शिनाख्त कर ली थी, लेकिन सातवें शव का चेहरा हादसे में खराब हो जाने से उसकी पहचान नहीं हो पा रही थी.

पहचान के लिए लिया टेक्नॉलजी का सहारा
देर रात तक जब शव की पहचान पहेली बन कर रह गयी और कोई सुराग नहीं लगा तो पुलिस ने बस में तलाशी ली. जिसमें एक अज्ञात बैग मिला और उसमें एक आधार कार्ड मिला लेकिन शव का चेहरा पहचानना मुश्किल था. इस परिस्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने तकनीक का सहारा लिया. फिर एक आधार सेंटर चलाने वाले युवक को बुलाया, जिसने पोस्ट्मॉर्टम हाउस पहुंचकर फिंगरप्रिंट मशीन के जरिए शव के थंब प्रिंट लिए और आधार डेटा का मिलान किया. जिसमें उसकी पहचान अक्षय कुमार पुत्र महंगे लाल निवासी नस्योली डामर पोस्ट शाहपुरनाऊ, हरदोई बरवान, उत्तर प्रदेश के रूप में हुई. 

बायोमेट्रिक के जरिए निकाली आधार डिटेल
आधार डेटा निकालने में मदद करने वाले युवक अजय ने बताया कि कल देर रात उसके पास डॉक्टर आलोक शर्मा का फोन आया था. उनके कहने पर वह अस्पताल पहुंचा. जहां डॉक्टर ने उन्हें एक आधार कार्ड नम्बर दिया और उस नम्बर के साथ बॉयोमेट्रिक मशीन के जरिए थम्ब इम्प्रेशन का मिलान किया. जिससे मृतक की आधार डिटेल मैच हो गयी थी.

पीड़ित परिवार को बुलाकर सौंपा मृतक का शव
वहीं गोहद बीएमओ डॉक्टर आलोक शर्मा ने फोन पर बताया कि रात में सातवें मृतक की पहचान हो जाने के बाद पता चला कि वह हरदोई का रहने वाला है. उस दौरान घायलों में भी एक युवक अस्पताल में भर्ती था, जो हरदोई का था. मृतक के बारे में जब उससे पूछा तो बताया कि मृतक उसी के गांव का रहने वाला है. जिसके बाद घायल युवक ने गांव में सूचना दी. आज मृतक अक्षय के परिजन गोहद आकर पोस्टमार्टम के बाद उसका शव अपने साथ के गए.

जुबान फिसलने के बाद मंत्री विजय शाह ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कही यह बड़ी बात

भविष्य में मददगार साबित होगी बायोमैट्रिक आईडेंटिफिकेशन
यह पहली बार नहीं है, जब भिंड पुलिस ने टेक्नॉलजी के जरिए बेहतर पुलिसिंग का उदाहरण पेश किया हो. इससे पहले भी भिंड एसपी मनोज कुमार सिंह ने गन कल्चर के लिए बदनाम रहे भिंड ज़िले में कारतूसों और गोलियों पर क्यूआर कोडिंग करवाने की पहल की है. जिससे किसी भी घटना स्थल पर मिलने वाले कारतूस के खोखे पर बने क्यूआर कोड को स्कैन कर उसके मालिक का पता लगाया जा सके और जिले में गनशॉट की घटनाओं को अंजाम देने वालो में एक डर पैदा हो सके. अब एक बार फिर पुलिस की यह टेक्नॉलजी भरी पहल आगामी समय में बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है. लावारिस शव और अज्ञात मृतकों के साथ ही आधार डेटा के जरिए पुलिस को संगीन जुर्म में भी फिंगरप्रिंट मिलान कर अपराधियों तक पहुंचने में काफी मदद मिल सकती है.

Source link

Leave a Comment