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स्वास्थ्य खंड सुन्नी के अंतर्गत पिछले 2 सप्ताह में स्क्रब टायफस के चार केस

सुन्नी ( हरीश गौतम ) 12 अक्तूबर, 2022
स्वास्थ्य खंड सुन्नी के अंतर्गत पिछले 2 सप्ताह में स्क्रब टायफस के चार केस आये हैं जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी सम्बंधित और सम्भावित क्षेत्रों में स्क्रब टायफस के रोकथाम हेतु जनजागरण, सूचना आंबटन और रोग निरोध का कार्य शुरू किया गया है
खण्ड चिकित्सा अधिकारी सुन्नी डॉ आर्चित शर्मा के अनुसार गत कुछ हफ्तों में खण्ड सुन्नी के अधीन 4 स्क्रब टायफस के मरीज पाए गए हैं, जो ग्राम पंचायत ओगली, मकड़छा (शकरोरी), जैशी (भराड़ा) से सम्बंध रखते थे। सभी मरीजो को इलाज मुहैया करवाया गया है। उन्होंने बताया कि जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ सुरेखा चोपड़ा के दिशानिर्देश से सभी सम्बंधित और सम्भावित क्षेत्रों में स्क्रब टायफस की रोकथाम हेतु जनजागरण, सूचना आंबटन और रोगनिरोध का कार्य डॉ ज्योति चौहान प्रभारी पंदोआ स्वास्थ्य क्षेत्र (ग्राम पंचायत ओगली), डॉ पूनम गौतम प्रभारी जलोग स्वास्थ्य क्षेत्र (जैशी, ग्राम पंचायत भरारा) व डॉ साक्षी शर्मा प्रभारी चाबा स्वास्थ्य क्षेत्र (मकड़च्छा ,शकरोरी) द्वारा सफलता पूर्वक किया गया है, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया कि स्क्रब टायफस से बचाव का व्यवहार अपनाया जाए। खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ आर्चित शर्मा ने बताया कि कीट आमतौर पर झाड़ीदार और नमी वाले इलाकों में पाया जाता है. बरसात के दौरान घास, झाड़ियों और गंदगी वाले क्षेत्र में मवेशियों से कीट चिपक जाता है और मवेशियों के संपर्क में आकर घरों पर लोगों को काट लेता है. मवेशी और जानवरों वाले घरों में कीट का खतरा अधिक रहता है। कीट के संपर्क में आने से बचने का बेहतर उपाय है पूरे बांह के कपड़े और पैरों में जूते पहने। स्क्रब टाइफस एक जीवाणुजनित संक्रमण है। संक्रमित मरीज की प्लेटलेट्स कम होने लगती है। रोगी को सांस की परेशानी, पीलिया, उल्टी, जी मिचलाना, जोड़ों में दर्द और तेज बुखार आता है. शरीर पर काले चकत्ते और फलोले भी पड़ जाते हैं। इसका असर लिवर, किडनी और ब्रेन पर भी पड़ता है। ये प्लेटलेट्स को तेजी से कम करता है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग स्क्रब टायफस के इलाज के लिए सभी सुविधायें, टेस्ट व दवाइयां मुहैय्या करवा रहा है।