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दिल की दवा चाहिए सुरेंद्र शर्मा।

दिल के मरीज़ को
अब दवा चाहिए
अब कुछ और नहीं
तेरा प्यार चाहिए

याद करके तुझे
बढ़ रहा है ये मर्ज़ तो
तेरी इक नज़र का
मुझे अब जाम चाहिए

तस्वीर से भी अब
बात बनेगी नहीं
इस दिल को अब
तेरा दीदार चाहिए

जानता हूं मुश्किल है
तुम्हारे लिए भी
लेकिन रहने को अब
तेरा दिल चाहिए

तड़प रहा हूं अकेले ही मैं
अब तेरा सहारा चाहिए
चलने के लिए इस राह पर
तेरे प्यार के पांव चाहिए

छोड़ दो यूं तड़पाना
यूं बिजलियां गिराना
अब तेरी जुल्फों की
ठंडी छांव चाहिए

जी पाऊंगा मैं भी
कुछ सांसें उधार चाहिए
कुछ और नहीं अब
मुझे तेरा प्यार चाहिए

न बन जाए मेरा दर्द
कहीं लाइलाज अब
तेरे प्यार के मरहम से
अब इलाज चाहिए

ज़ख्म नासूर न बन जाए
इतनी दुआ चाहिए
रहे तेरे दिल के करीब हमेशा
हमें बस यही चाहिए

हो गया इंतज़ार बहुत अब
रह गई हैं सांसें भी अब कम
जी सकूं संग तेरे भी कुछ पल
चंद सांसों की मोहलत चाहिए।