



इस वक्त बिहार और इसकी संस्कृति से प्रभावित आस-पास के जिलों में जिउतिया व्रत किया जा रहा है. हालांकि एक्चुअल में इसे जीवित्पुत्रिका व्रत कहा जाता है. जिउतिया है तो लोक परंपरा का व्रत, लेकिन असल में यह प्रकृति से जुड़ाव का उत्सव है.
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