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madhya pradesh got agriculture sector first gi tag in chinnaur paddy balaghat district mpap | मध्य प्रदेश की इस फसल को मिला GI टैग, किसानों को मिलेगा ये फायदा

बालाघाटः मध्य प्रदेश को बड़ी उपलब्धि मिली है. प्रदेश के बालाघाट जिले में होने वाली चिन्नौर प्रजाति की धान को जीआई (GI) टैग मिल गया है. इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी दी है.  इस उपलब्धि से अब प्रदेश के आदिवासी बहुल बालाघाट जिले को भी एक नई पहचान मिलेगी. जबकि जिले में उत्पादित होने वाले अन्य सुगंधित चावलों की भी बाजार में बिक्री में उछाल आएगा. 

कृषि सेक्टर में मध्यप्रदेश का पहला GI टैग
खास बात यह है कि बालाघाट जिले की चिन्नौर प्रजाति की धान को मिला जीआई टैग कृषि सेक्टर में मध्यप्रदेश का पहला GI टैग है. केंद्रीय फूड मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि बालाघाट के चावलों को मिला Geographical Indication (GI) Tag प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय दोगुनी करने के संकल्प में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा.  इससे यहां के चावलों को वैश्विक बाजार में उचित स्थान और दाम मिलेगा, व इसका लाभ हमारे किसानों को मिलेगा.”

वहीं सीएम शिवराज ने भी पीयूष गोयल का धन्यवाद देते हुए जीआई टैग मिलने पर खुशी जताई. सीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि बालाघाट के चिन्नौर चावल को GITag मिलने पर भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के किसानों की ओर से हृदय से अभिनंदन करता हूं. प्रदेश के किसानों को न केवल उनका हक मिला है, बल्कि उनके आर्थिक सशक्तिकरण का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है. सीएम ने लिखा कि पीएम मोदी के अलावा केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का भी धन्यवाद जताया. 

बालाघाट जिले में होती है चिन्नौर धान 
बता दें कि बालाघाट जिले के 25 से ज्यादा गांवों के किसान चिन्नौर धान का उत्पादन करते हैं. इस धान का चावल अपने विशिष्ट गुणों के कारण प्रसिद्ध है. लेकिन किसान इस फसल को सही बाजार और सही भाव नहीं मिलने से निराश थे. जिसके चलते किसान फसल के प्रति रुचि कम लेने लगे थे. जिससे धान का रकबा भी घटने लगा था. लेकिन अब  अब जी आई टैग मिलने से किसानों को लाभ होगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजार मिलने लगेगा. वैसे भी मध्यप्रदेश की सरकार एक जिला उत्पाद के अंतर्गत चिन्नौर को प्रमोट कर रही है. ऐसे में बालाघाट जिले की चिन्नौर प्रजाति की धान को GI टैग मिलने से एक जिला एक उत्पाद को भी बढ़ावा मिलेगा. 

इस संबंध में पूर्व कृषि मंत्री व पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद माननीय न्यायालय के लड़ाई से बालाघाट के चिनौर धान को जी आई टैग का तमगा मिला है. यह बालाघाट ही नहीं बल्कि जिले के किसानों के लिए बड़ी उपलब्धि है. इससे किसानों को फसल का अच्छा दाम मिलेगा. चिनौर की अच्छी क्वालिटी के अनुसार दर तय करने में उसे मौका मिलेगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे बाजार दिलाने का प्रयास होगा. जिससे यहां के किसानों को अधिकाधिक लाभ होगा. 

बिसेन ने कहा कि जमीन के क्वालिटी पर निर्भर करता है कि यह फसलें कहां पर होगी उसके कारण बालाघाट में कुछ ऐसे जमीन व रकबा है जहां पर चिन्नौर को लगाया जाता है और यही कारण है कि इसका रकबा कुछ सीमित दायरे में है और वहां पर अधिकाधिक उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा. वहीं इस उपलब्धि पर प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने भी खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं. जीआई टैग मिलने के बाद अब बालाघाट के किसान भाईयों को उनके चावल का अच्छा दाम भारत ही नहीं पूरी दुनिया से प्राप्त होगा, किसान भाइयों को बधाई!. 

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