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Mahamandaleshwar of Panchayati Niranjani Akhara Kailashanand said Successor cannot be decided on the basis of suicide note uppm | पंचायती निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर का बयान- सुसाइड नोट पर भरोसा नहीं, बलवीर को अध्यक्ष मानने से भी इंकार

प्रयागराज: संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी, जिसके बाद बुधवार को संत परंपरा के अनुसार बाघंबरी गद्दी मठ में उन्हें भू-समाधि दी गई. इसी बीच अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरी की ओर से बड़ा बयान समाने आया है. अखाड़ा परिषद ने बलवीर गिरि को बाघंबरी मठ का अध्यक्ष मामने से इनकार कर दिया है. हरि गिरी ने कहा कि जब सुसाइड नोट ही फर्जी है, तो बलवीर गिरि को उत्तराधिकारी मानने का सवाल ही नहीं होता. यही वजह है कि पंच परमेश्वर की बैठक स्थगित कर दी गई. जानकारी के मुताबिक 25 सितंबर के बाद तय होगा कि बैठक कब की जाए. 

पंचायती निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर ने भी उठाए सवाल 
पंचायती निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज ने भी भू-समाधि कार्यक्रम के बाद नरेंद्र गिरि की मौत को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पंच परमेश्वर को सुसाइड नोट पर भरोसा नहीं है. यह सुसाइड नहीं बल्कि ‘साजिश’ नोट है. वो सुसाइड नोट नरेंद्र गिरि ने नहीं लिखा है. नरेंद्र गिरी उन्हें साइन करना भी बहुत मुश्किल से आता था. वह बहुत पढ़े-लिखें नहीं है. यह साजिश है. उनकी हत्या की गई है. उन्होंने कहा कि सुसाइड नोट के आधार पर उत्तराधिकारी का फैसला नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि मैं डंके की चोट पर कह सकता हूं कि ये आत्महत्या नहीं हत्या है. 

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20 सितंबर को संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था शव 
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की 20 सिंतबर को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. उनका शव बाघंबरी गद्दी स्थित मठ के एक कमरे में पंखे से लटकता हुआ मिला था. पुलिस को मौके से ही कई पन्नों का सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उन्होंने आनंद गिरी द्वारा ब्लैकमेल करने और बलवीर के नाम वसीयत लिखकर उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाने की बात लिखी है. महंत नरेंद्र गिरी के उस कथित सुसाइड नोट को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. 

तीन लोग गिरफ्तार, शक की सुई उत्तराधिकारी बलवीर पर भी 
गौरतलब है कि नरेंद्र गिरी के कथित सुसाइड नोट में आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था. नरेंद्र गिरि ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से इन तीनों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी. इसके आधार पर पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, बुधवार को प्रयागराज के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आनंद गिरी और संगत तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है.

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