प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर अब गहन रूप से जांच शुरू हो गई है. जांच में राजस्थान के एक बैग ने नरेंद्र गिरी की मौत में नया एंगल जोड़ दिया है. दरअसल, घटनास्थल पर एक बैग मिला है, जो राजस्थान के अलवर जिले की मिठाई दुकान का है. पीले रंग के इस बैग पर बाबा स्वीट लिखा हुआ है. इस नाम की दुकान राजस्थान के अलवर में स्थित है. दुकान अपनी कलाकंद मिठाईयों के लिए प्रसिद्ध है. हालांकि, बैग में मिठाई का कोई डिब्बा नहीं था. अब यह पता लगाया जा रहा है कि बैग कौन लाया था और उसमें सिर्फ मिठाई थी या कुछ भी.
हाल ही में कोई अलवर से मिलने आया था
फिलहाल, यह बताया जा रहा है कि देखने में बैग नया लग रहा है. इस आधार पर माना जा रह है कि हाल ही में कोई अलवर से आया था और वह व्यक्ति महंत से भी मिला था. बता दें, महंत की मृत्यु के मामले में गिरफ्तारी के बाद जेल भेजे गए आनंद गिरी का मूल निवास भी राजस्थान है और वह भीलवाड़ा जनपद के रहने वाले हैं.
डेढ़ घंटे तक हुई आनंद गिरी से पूछताछ
नरेंद्र गिरी के मौत के मामले में जेल में बंद आनंद गिरी से विवेचक ने पूछताछ करके बयान दर्ज कर लिया है. जेल पहुंचे विवेचक ने उनसे एक के बाद एक कई सवाल किए. जेलर कार्यालय के पीछे बने कमरे में करीब डेढ़ घंटे तक यह पूछताछ चली.
किसानों की बेटियों को नोएडा प्राधिकरण की ओर से बड़ा तोहफा, अब मिलेगा समान अधिकार
मौत की वजह पता होने के बावजूद विसरा जांच
नरेंद्र गिरि के मामले में फांसी से मौत की वजह की पुष्टि के बावजूद विसरा जांच के लिए भेजा गया है. आशंका है कि अगर महंत को जहरीला पदार्थ या धोखे से नशीला पदार्थ खिलाकर भी मारा गया है तो फॉरेंसिक लैब की जांच में इसका राज खुल सकता है. आमतौर पर मौत का कारण साफ न होने पर कई बार विसरा प्रिजर्व करके जांच के लिए भेजा जाता है. मगर नरेंद्र गिरी के मामले में फांसी से मौत की पुष्टि होने के बावजूद विसरा सुरक्षित कर जांच के लिए भेजा गया है.
क्या होती है विसरा जांच
शख्स की मौत के बाद जब पोस्टमार्टम किया जाता है तो इस दौरान मृतक की बॉडी से विसरल पार्ट यानि आंत, दिल, किडनी, लीवर आदि अंगों के सैंपल लिए जाते हैं. उसे ही विसरा कहा जाता है. संदिग्ध हालातों में हुई मौत के लिए यह जांच कराई जाती है. क्योंकि विसरा जांच में मौत का कारण साफ पता चल सकता है.
WATCH LIVE TV