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राष्ट्रीय दिनांक ???????? शनि वार ???????? Indian national calendar ???????? आज इंडियन नेशनल कैलेंडर के अनुसार राष्ट्रीय दिनांक INC 07 कार्तिक 1944

???????? आज ग्रेगोरियन अंग्रेजी दिनांक 29 अक्टूबर 2022

???????? इसका प्रयोग हमें चैक,NEFT, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र पर इस प्रकार लिखना चाहिए???? अंग्रेजी में INC 07 KRTK 1944
हिंदी में राष्ट्रीय सौर 07 कार्तिक 1944
???? भारतीय ज्योतिष के फलित व सिद्धांत ग्रंथों का अध्ययन करने के उपरांत ऐसा ज्ञात होता है कि यहां चार प्रकार के बर्ष माने जाते हैं। (१) बसंत संपाद से जो कि 01 चैत्र (22 मार्च) से आरंभ होता है यह सर्वोत्तम है इसमें कभी भी कोई परिवर्तन नहीं होता लीप ईयर को छोड़कर । वह भी 4 वर्ष में 1 दिन निर्धारित है । इसका सीधा संबंध ऋतुओं के साथ है। अंग्रेजी सन् ग्रेगोरियन कैलेंडर लगभग इसी के आधार पर निर्धारित है। (2) सूर्या सक्रांति से इस का राशि परिवर्तन करने के अनुसार परंतु सूर्य की राशि परिवर्तन की दिनांक में भी कुछ हजार वर्षों में अंतर होता है सक्रांति भी कुछ वर्षों के पश्चात एक दिन पहले अथवा बाद में आती है। (3) नक्षत्र वर्ष ज्योतिष के फलादेश में ही प्रयोग होता है । (4) चंद्र वर्ष इसका आरंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से माना जाता है इस वर्ष का आरंभ किसी निश्चित दिनांक पर नहीं होता चैत्र शुक्ल प्रतिपदा प्रत्येक वर्ष गत वर्ष से कुछ आगे पीछे आती है। चंद्र वर्ष का व्यवहार केवल व्रत-त्योहार उद्यापन आदि के लिए ही प्रयोग में आता है। क्योंकि चंद्र वर्ष लगभग 354 दिन 8 घंटे 8 मिनट का होता है जबकि सोर वर्ष 365 दिन 6 घंटे 8 मिनट का होता है चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नववर्ष मनाने वाले 365 दिन 6 घंटे 8 मिनट का सर्कल पूरा नहीं कर सकते इसलिए इस गलती को सुधारें । जिस तीव्र गति से विदेशों में भारतीय सभ्यता का प्रचार व प्रसार हो रहा है आने वाले समय में विदेशों के सामने उपहास से बचें, ब अपने व्यवहार में सौर वर्ष को अपनाएं। चंद्र वर्ष व्रत त्यौहार उद्यापन के लिए है ना कि तारीख दिनांक Dates के लिए
???? मंदिर सूचना पट्ट, कथा, कीर्तन, विवाह शादी, गृह प्रवेश निमंत्रण पत्र आदि पर दिनांक इस प्रकार लिखें 07 कार्तिक 1944 (5124)
???? सनातन धर्म में कोई भी पूजा जल अग्नि ब संकल्प के बिना अधूरी है कृपया संकल्प इस प्रकार करें
???? ओम विष्णु विष्णु विष्णु श्रीमद् भगवतो महत् पुरुषस्य विष्णो राजया प्रवर्तमानस्य अद्य ब्रह्मणो द्वितीये परार्धे श्री श्वेत वराह कल्पे सप्तमे वैवस्वत मन्वंतरे अष्टा विंशति तमे कलियुग संबत 5124 कार्तिक मासे (वैदिक नाम ऊर्ज मास) दिनांक 07 शनि वासरे ……. नामक स्थाने ( अपना गोत्र ब नाम ) अहम् पूजा अहम् करिष्यामी ऐसा कहकर हाथ से जल्द छोड़ दें. व्यक्तिगत प्रतिदिन की पूजा में तिथि नक्षत्र बोलने की आवश्यकता नहीं क्योंकि यह कर्मकांड की भाषा है???? राष्ट्रीय शक् संवत् (सन्)1944
???? विक्रमी संवत् (सन्) 2079
???? युगाब्द या कलियुग संवत् 5124
???? श्री कृष्ण संवत् (सन्) 5249
???? श्री राम संवत्(सन्) 880165
???? सृष्टि संवत् 1955885123???? संवत्सर नल ???? दक्षिणायन
???? ऋतु हेमंत
???? चन्द्र मास नाम = कार्तिक
???? पक्ष शुक्ल
???? वेद यजुर्वेद में इस महीने का सौर नाम= ऊर्ज मास है
???? तिथि चतुर्थी
???? नक्षत्र जेष्ठा प्रातः 9:05 तक तदुपरांत मूला
???? दिनमान 27 घटी 30 पल (एक दिन रात 60 घटी अथवा 24 घंटे का होता है)
????सूर्य उदय 6:35 सूर्य अस्त 5:35
???? तुला राशि में सूर्या संक्रान्ति से प्रविष्टे 13
???? दिशाशूल पूर्व (यदि यात्रा आवश्यक तो अदरक या उड़द खाकर घर से निकले)
???? अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:42 to 12 :26
(इस समय किये गये कार्य की रक्षा स्वयं भगवान विष्णु करते हैं)
???? राहुकाल 09:17 am से 10:41 am ( इस समय में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए ऐसा दक्षिण भारत में मान्यता है)
???? यह पंचांग दिल्ली के अक्षांश रेखांश पर आधारित है।???? सूर्य षष्ठी डाला छठ 30 अक्टूबर रविवार
???? गोपाष्टमी, गो पूजन, अष्टाराह्निका जैन व्रत आरंभ 1 नवंबर मंगलवार
???? अक्षय आंवला कूष्माण्डनवमी 2 नवंबर बुधवार
???? हरि प्रबोधिनी एकादशी व्रत, देव उठान, तुलसी विवाह, भीष्म पंचक प्रारंभ 4 नवंबर शुक्रवार
???? श्री खाटू श्याम जन्मोत्सव प्रदोष व्रत 5 नवंबर शनिवार
???? जैन दिवाकरचौथज, बैकुंठचतुर्दशी 6 नवंबर रविवार
???? चौमासी चौदस जैन, सत्यनारायण व्रत 7 नवंबर सोमवार
???? कार्तिक पूर्णिमा, श्री गुरु नानक जयंती, चंद्र ग्रहण, निंबार्काचार्य ज, पुष्कर मेला, भीष्मपंचक समाप्त, जैन अष्टाराह्निका पूर्ण, रासपूर्णिमा, रथयात्राजैन चतुर्मास पूर्ण, 8 नवंबर मंगलवार???? गंडमूल 28 अक्टूबर
10:41am से 30 अक्टूबर 7:25 am तक
???? पंचक 2 नवंबर दोपहर 2:17 से 7 नवंबर रात्रि 00: 03 am तक
???? सर्वार्थ सिद्धि योग 01 नवंबर प्रातः 4:14 am से 6:37am तक
???? सर्वार्थसिद्धि योग 30 अक्टूबर 6: 36 am से 7:25am
???? अमृत सिद्धि योग 20 नवंबर 6:51am से 21 नवंबर 00:35 am तक???? शुक्र अस्त तारा अस्त 30 सितंबर से 25 नवंबर तक
???? रवि पुष्य योग 11 दिसंबर 8:35 pm से 12 दिसंबर 7:08 am तक
???? द्विपुष्कर योग 21 नवंबर 0:35 amसे 6: 53am (इस समय में किया गया कार्य दोगुना होता है)
???? त्रिपुष्कर योग 20 दिसंबर 9:54 am से 21 दिसंबर 00:45 am तक (इस समय किया गया कार्य तीन गुना वृद्धि होता है)
???? ज्वालामुखी योग 23 दिसंबर शाम 3:40 pm से 24 दिसंबर 1:12 am तक ( इस समय किया हुआ कार्य सफल नहीं होता)