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Rural Development Minister shravan kumar claims 1.5 crore saplings planted in MNREGA | ग्रामीण विकास मंत्री का दावा, मनरेगा में लगाए गए डेढ़ करोड़ पौधे

Patna: ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने गुरुवार को मनरेगा (MNREGA) को लेकर बात की. इस दौरान उन्होंने सूबे में मनरेगा योजना के क्रियान्वयन एवं उपलब्धि पर विस्तार से बताया. मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में मनरेगा योजना के तहत 20 करोड़ मानव दिवस का लक्ष्य केंद्र सरकार की ओर से दिया गया है. इस दिशा में काम करते हुए अब तक 9 करोड़ 57 लाख मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं. पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में 22 करोड़ 50 लाख मानव दिवस के लक्ष्य के विरुद्ध 22 करोड़ 79 लाख मानव दिवस सृजित किए गए थे.

वित्तीय वर्ष 2021-22 में कार्य पूर्णता का प्रतिशत 33.15 प्रतिशत
उन्होंने राज्य में मनरेगा के बारे बताया कि पिछले वर्षो की लंबित 19 लाख 67 हजार 774 योजनाओं और वर्तमान वित्तीय वर्ष की 1 लाख 72 हजार 718 योजनाओं को मिलाकर कुल 21 लाख 40 हजार 492 योजनाओं पर काम शुरू किया गया था. इसमें से अब तक कुल 7 लाख 9 हजार 779 कार्य पूरे हो चुके हैं. वित्तीय वर्ष 2021-22 में कार्य पूर्णता का प्रतिशत 33.15 प्रतिशत है.

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2 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य
इस दौरान मजदूरी भुगतान की चर्चा करते हुए विभागीय मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में 96.31 प्रतिशत मजदूरी का समय से भुगतान किया जा रहा है, जबकि वित्तीय वर्ष 2020-21 में ससमय मजदूरी भुगतान का प्रतिशत 82.51 प्रतिशत था. पौधारोपण के बारे में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (Shravan Kumar) ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में मनरेगा योजना के तहत कुल 2 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें अब तक 1 करोड़ 46 लाख 24 हजार 774 पौधे लगाए जा चुके हैं.

बिहार में मनरेगा योजनाओं की वित्तीय उपलब्धि के बारे में मंत्री ने बताया कि मनरेगा योजना के तहत अकुशल मजदूरी मद में वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 2 हजार 92 करोड़ 31 लाख रुपये रिलीज किए गए हैं. जिसमें से 2 हजार 17 करोड़ 19 लाख रुपये व्यय किए जा चुके हैं, जबकि सामग्री मद में अब तक उपलब्ध राशि 3 हजार 519 करोड़ 18 लाख रुपये में 2 हजार 163 करोड़ 34 लाख रुपये व्यय किए जा चुके हैं. प्रशासनिक मद में अबतक लगभग 201 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं.

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ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि कोरोना काल में भारी संख्या में अन्य राज्यों से लॉकडाउन के कारण बिहार लौटे मजदूरों को ध्यान में रखकर विभाग द्वारा सभी जिला को निदेश दिया गया है कि मनरेगा योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लायें ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके एवं सामग्री मद की राशि से अर्थ व्यवस्था को भी गति मिल सके.

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