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Supreme Court rejects Centre plea to allow women in NDA exam from 2022, says- it does not want women to be denied their right | NDA में महिलाओं को शामिल करने के मामले में SC ने खारिज की केंद्र की याचिका, कहा- नहीं कर सकते 1 साल इंतजार

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एनडीए की प्रवेश परीक्षा (NDA Entrance Exam) में महिला उम्मीदवारों को अगले साल से शामिल करने की अनुमति देने के केंद्र के अनुरोध को बुधवार को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि हम नहीं चाहते कि महिलाओं को उनके अधिकार से वंचित किया जाए और महिलाओं को एनडीए में शामिल करने के लिए एक साल तक इंतजार नहीं किया जा सकता.

केंद्र ने दाखिल किया हलफनामा

केंद्र सरकार ने कहा कि उसने इस मामले हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें कहा गया है कि मई 2022 तक राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में महिला परीक्षार्थियों के लिए नोटिस जारी किया जाएगा. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) ऐश्वर्या भट्टी ने अदालत अनुरोध किया कि वह महिला उम्मीदवारों को अगले साल परीक्षा में शामिल होने दे और इस सत्र में हिस्सा नहीं ले.

एक साल तक प्रतीक्षा नहीं की जा सकती: सुप्रीम कोर्ट

न्यायमूर्ति एसके कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए सशस्त्र बल सबसे अच्छी प्रतिक्रिया टीम है और उम्मीद है कि बिना देरी किए महिलाओं को एनडीए में शामिल करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी. कोर्ट ने कहा कि रक्षा विभाग को यूपीएससी के सहयोग से जरूरी काम करना चाहिए. कोर्ट ने याचिकाकर्ता कुश कालरा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता चिन्मय प्रदीप शर्मा की दलीलों पर गौर किया और कहा कि वह महिलाओं को एनडीए में शामिल करने को एक साल तक प्रतीक्षा नहीं की जा सकती.

अध्ययन समूह का किया गया है गठन: ASG

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि महिलाओं के प्रवेश की सुविधा के लिए एक अध्ययन समूह का गठन किया गया है और इसे सुविधाजनक बनाने के लिए आवश्यक तंत्र मई 2022 तक लागू किया जा सकता है. एएसजी ने 14 नवंबर को होने वाली अगली एनडीए प्रवेश परीक्षा को छोड़ने की अपील की.

केंद्र की अनुरोध स्वीकार करना मुश्किल: SC

पीठ ने कहा, ‘हम आपकी समस्याओं को समझते हैं. मुझे यकीन है कि आप लोग समाधान खोजने में सक्षम हैं. परीक्षा देने के इच्छुक उम्मीदवारों की चाहत को देखते हुए केंद्र से इस अनुरोध को स्वीकार करना हमारे लिए मुश्किल है.’ पीठ ने कहा, ‘सशस्त्र सेवाओं ने बहुत कठिन परिस्थितियों का सामना किया है. आपात स्थिति से निपटना उनके प्रशिक्षण का एक हिस्सा है. हमें यकीन है कि वे इस ‘आपातकालीन स्थिति’ से पार पाने में भी सक्षम होंगे.’

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