सबकी खबर , पैनी नज़र

तेरा मेरा साथ सुरेंद्र शर्मा

जो तू ख़्वाब है तो
मैं नींद बन जाऊं
जो तू रात है तो
मैं चांदनी बन जाऊं

हर पल रहूं साथ तेरे
जो तू दिल है तो
मैं धड़कन बन जाऊं

जो तू फूल है तो
मैं भंवरा बन जाऊं
जो तू चमन है तो
मैं माली बन जाऊं

तू रहे मेरे सामने हमेशा
जो तू आँख है तो
मैं पलकें बन जाऊँ

जो तू फिज़ा है तो
मैं तेरी खुशबू बन जाऊं
जो तू सूरज है तो
मैं तेरी किरण बन जाऊं

हो तुझसे ही बस नाता मेरा
जो तू धरा है तो
मैं तेरी मिट्टी बन जाऊं

है तू बिछड़न अगर
मैं तेरी याद बन जाऊं
हो कभी खामोश तू
मैं तेरी आवाज़ बन जाऊं

साथ रहे हम दोनों बस
है तू एकांत अगर
मैं सन्नाटा बन जाऊं

है तू अगर नदी तो
मैं किनारा बन जाऊं
है तू समंदर तो
मैं तेरी लहर बन जाऊं

रिश्ता न टूटे कभी ये हमारा
है अगर तू झील तो
उसमें खिलकर कमल बन जाऊं

है तू अगर सुबह तो
मैं अरनिमा बन जाऊं
है तू शाम अगर तो
मैं गोधूलि बेला बन जाऊं

छूटे न ये साथ कभी हमारा
है तू काली रात तो
मैं अंधेरा बन जाऊं।