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हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) ने अपना चुनाव घोषणा पत्र जारी कर दिया है।

शिमला (हिमदेव न्यूज़) 04 नवंबर 2022: हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) ने अपना चुनाव घोषणा पत्र जारी कर दिया है। घोषणा पत्र में ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को बहाल करने, आउटसोर्स कर्मचारियों, पार्ट टाइम वर्करों को नियमित करने के साथ ही मजदूरों का न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये प्रतिमाह करने की घोषणा की है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कर्मचारी, बेरोजगारी, कृषि बागवानी व हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने घोषणा पत्र तैयार किया है।सीपीआईएम के राज्य सचिव ओंकार शाद ने कहा कि हिमाचल की जनता आर्थिक बदहाली से परेशान होकर एक राजनीतिक विकल्प की तलाश कर रही है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही एक-दूसरे को उनकी विफलता पर कोसने का काम करते हैं। असलियत दोनों में नीतिगत समानता साफ नजर आती है। दोनों की दल विश्व बैंक द्वारा निर्देशित नव उदारवादी नीतियों को लागू करते हैं। यह दोनों दल भ्रष्टाचार व आर्थिक बदहाली के लिए जिम्मेवार हैं। उन्होंने कहा कि माकपा जनता के बीच नव उदारवादी नीतियों का विरोध करने और वैकल्पिक विकास नीतियां लागू करवाने के लिए विधानसभा में मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने जा रही है। घोषणा पत्र में की ये घोषणाएं :पानी व अन्य सेवाओं के निजीकरण को रोकना। मनरेगा में 200 दिनों का काम व न्यूनतम दिहाड़ी 350 रुपये करना। भूमिहीन व गरीब किसानों को पांच बीघा मुफ्त जमीन दिलवाना। युवाओं को 3000 रुपये बेरोजगारी भत्ता।शहरी क्षेत्रों में दो और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा जमीन उपलब्ध कराना। महिलाओं के लिए : घरेलू हिंसा खत्म करने के लिए सख्त कानून बनाना।शैक्षणिक, आर्थिक व कानूनी रूप से मजबूत करना। शिशु केयर केंद्र खोलना। सामाजिक न्याय : शिक्षा और रोजगार में दलितों व अन्य पिछड़ा वर्ग और धार्मिक अल्पसंख्यकों को समानता के अवसर। शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए नौकरियों में प्राथमिकता। सरकारी और निजी क्षेत्रों में आरक्षण सुविधा लागू करना। शिक्षा : शिक्षा पर केंद्र के छह फीसदी, राज्य के 30 फीसदी बजट का प्रावधान करवाने का कार्य करना। राज्य में शिक्षा को निजी हाथों से मुक्त करना। कॉलेजों और विवि में शिक्षकों के खाली पदों को भरना। महाविद्यालय में छात्राओं के लिए हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध कराना। ग्रामीण इलाकों में स्कूल खोलना। कॉलेजों और विवि में बढ़ी फीस को वापस करना। स्वास्थ्य : स्वास्थ्य के क्षेत्र में सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देना। ग्रामीण इलाकों में मोबाइल हेल्थ सेवा शुरू करना। डॉक्टरों और नर्सों के रिक्त पदों को भरना।रोजगार, कर्मचारी एवं मजदूर :रोजगार में सामाजिक सुरक्षा को शामिल करना। गैर सरकारी कर्मियों को ईपीएस, ईएसआई, मेडिकल और पेंशन सुविधा।मनरेगा और दैनिक वेतन भोगी मजदूरों को न्यूनतम वेतन। हिमाचल के बेरोजगार युवाओं को उद्योगों में 90 फीसदी रोजगार कृषि बागवानी :सभी फसलों और पशुओं का बीमा करवाना। सेब और अन्य फसलों पर आयात कर 100 फीसदी करना। किसानों के लिए ऋण माफ करवाने के लिए एक मुश्त योजना लागू करना।आवारा पशुओं से राहत देने के लिए ठोस नीति बनाना। सीए स्टोर स्थापित करना, 90 फीसदी अनुदान की मांग को प्राथमिकता से उठाना। अन्य मुद्दे : विवि में भर्ती प्रक्रिया, पुलिस भर्ती घोटाला की निष्पक्षता से जांच। धारा 118 के उल्लंघन के सभी मामलों की गंभीरता से जांच करना। नशे के कारोबार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाना। प्रदेश में पानी, सफाई, सौंदर्यीकरण, यातायात, पार्किंग, सड़क आदि का उचित प्रबंध करना। गांव व शहरों में प्रयोगशाला, जिम, खेल स्थल, पार्क आदि का निर्माण।