



हिम-आंचल पेंशनर्ज़ संघ के प्रदेशाध्यक्ष योगराज शर्मा द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि पेंशनरों को राज्य स्तरीय पूर्णराज्य दिवस के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जी से पूर्ण आशा थी कि पेंशनरों के देय आर्थिक लाभों जिसमें पेंशन संशोधन की 80% वकाया राशि, ग्रैच्युटी , लीब-एनकैशमैंट, कम्युटेशन, महंगाई भत्ते की किस्तें, चिकित्सा बिलों के भुगतान के लिए पर्याप्त वज़ट न मिलना आदि को पूरा करने हेतु कम से कम महंगाई भत्ता की किस्त जारी करने की घोषणा तो हो जाएगी परन्तु पेंशनरों को निराशा ही मिल पाई है।
नई सरकार का कार्यकाल एक वर्ष से ज्यादा हो चुका है, परन्तु वरिष्ठ पेंशनरों के प्रति सरकार की उदासीनता वढ़ती जा रही है। वृद्धावस्था में लगभग सभी पेंशनर गम्भीर विमारियों से ग्रस्त होने से आर्थिक तंगी से जूझना पड़ता है क्योंकि एक तरफ सरकार द्वारा उनकी भरकम देय वकाया राशि नहीं दी जा रही है, दूसरे उन द्वारा अपने इलाज़ के लिए अपनी जेब से खर्च की गई लाखों के चिकित्सा बिलों का वर्षों से विभागों द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है और धनाभाव में बहुत से पेंशनर/ फैमिली पेंशनर इस दुनिया को छोड़ चुके हैं। सरकार की उदासीनता इस वात से भी प्रमाणित है कि मृतक पेंशनरों के वैधानिक
उतराधिकारियों को सरकार की ओर से अभी तक एक पैसा तक नहीं मिल पाया है, हालांकि हिम-आंचल पेंशनर्ज़ संघ सरकार से कई वार अनुरोध करता आ रहा है कि कम से कम फैमिली पेंशनर्ज़ व पेंशनरों के आश्रितों को एकमुश्त वकाया राशि का भुगतान किया जाए, परन्तु सरकार की मृतक परिवारों के साथ कोई सहानुभूति दिखाई नहीं देती है ।
हाल ही में 16 जनवरी, 2024 को वित्त विभाग के अचम्भित फरमान जारी कर सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि पेंशनर भविष्य में पेंशन संशोधन की देय वकाया की अभी उम्मीद न रखें ।
हिम-आंचल पेंशनर्ज़ संघ द्वारा सरकार को लिखित एवं समाचार पत्रों के माध्यम से स्पष्ट किया गया है कि अगर सरकार 26 जनवरी, 2024 तक पेंशनरों की मांगें पूरी करने वारे कोई कार्यवाही नहीं करती तो संघ अगामी रणनीति बनाने के लिए मज़वूर होगा।
अतः सरकार समय रहते पेंशनरों की मांगों पर जल्द से जल्द विचार कर इन्हें पूरी करे अन्यथा पेंशनरों की धैर्य टूटने पर उन्हें सड़कों पर उतारने के लिए सरकार ही जिम्मेदार होगी।
योग राज शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष