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The most accurate information about Rohini Court Shootout, When, what and how did the shootout happen? | रोहिणी कोर्ट में सुरक्षा के बावजूद कैसे हुई चूक? जानें कब और कैसे दिया गया अंजाम

नई दिल्ली: दिल्ली की रोहिणी कोर्ट (Rohini Court) में कुख्यात बदमाश जितेंद्र गोगी की हत्या (Jitendra Gogi Murder Case) ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. इतनी मुस्तैद पुलिस सुरक्षा के बाबजूद भी कैसे कोई व्यक्ति वकील के भेष में आकर कोर्टरूम में हथियार चलाने लगते हैं.

गोगी को तिहाड़ जेल से रोहिणी कोर्ट कैसे लाया गया?

सब इंस्पेक्टर वीर सिंह के मुताबिक, 24 सितंबर को उनकी ड्यूटी जितेंद्र गोगी और अफसर नाम के दो अपराधियों को तिहाड़ जेल से रोहिणी कोर्ट में पेश करने की लगी हुई थी. इस ड्यूटी में उनके साथ ASI सुनील, ASI राजेंद्र, कॉन्स्टबेल जगदीश, कॉन्स्टेबल विनीत, कॉन्स्टबेल शक्ति (कमांडो), कॉन्स्टबेल चिराग (कमांडो), कॉन्स्टबेल अमित (कमांडो) और कॉन्स्टेबल बलवान थे.

गोगी को जज साहब के सामने कब लाया गया?

सुबह करीब 10 बजे गोगी और अन्य एक अपराधी ‘अफसर’ को तिहाड़ जेल से सरकारी गाड़ियों के माध्यम से रोहिणी कोर्ट लाया गया और कोर्ट के लॉकअप में बंद कर दिया. इसके बाद दूसरे अपराधी को कोर्ट नंबर 304 में पेश करने के बाद वापिस लॉकअप (कोर्ट की लॉकअप) में बंद किया और करीब 1 बजकर 10 मिनट पर ASJ गगन दीप सिंह, जितेंद्र गोगी को पेश करने के लिए कोर्ट नंबर 207 के लिए रवाना हुए. गोगी के हाई रिस्क होने की वजह से पुलिस सुरक्षा मुस्तैद थी. स्पेशल सेल को भी इस बारे में पहले से सूचना दे रखी थी ताकि गोगी को उचित सुरक्षा में पेश किया जा सके. जितेंद गोगी के पेशी के दौरान सभी सुरक्षा इकाइयों के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे.

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कोर्ट रूम में अचानक क्या हुआ?

कोर्ट रूम में जितेंद्र गोगी के साथ SI वीर सिंह, ASI सुनील, ASI राजेंद्र आदि मौजूद थे. अन्य पुलिस स्टाफ को कोर्ट रूम के आस-पास तैनात किया गया था. इस दौरान ASJ गगनदीप सिंह कोर्ट की प्रोसिडिंग में व्यस्त थे. उस वक्त कोर्ट रूम में नायब कोर्ट और कोर्ट स्टाफ के अलावा 5-6 वकील थे. अचानक कुर्सियों से 2 व्यक्ति वकील की ड्रेस में उठे और दोनों ने अपने हथियार निकालकर जितेंद गोगी को निशाना बनाकर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं. जब तक पुलिस रिएक्ट कर पाती तब तक जितेंद्र गोगी को कई गोलियां लग चुकी थी. दोनों के हाथों में हथियार थे और अंधाधुंध गोलियां चला रहे थे. उन्हें फिजिकली पकड़ना संभव नहीं था और खासकर जज साहब, उनका स्टाफ और वकील मौजूद थे तो फायरिंग करने से किसी की भी जान जा सकती थी. इसलिए सभी की सुरक्षा व जानमाल की हिफाजत के लिए फौरन कमांडो कॉन्स्टबेल शक्ति और कॉन्स्टेबल चिराग ने उन पर अपने हथियारों से गोली चला दी. उसी दौरान वहां पर जो स्पेशल सेल का स्टाफ और रोहिणी स्पेशल का स्टाफ था उन्होंने अपने हथियार से गोली चलाकर उन बदमाशों को कंट्रोल किया. जिसके बाद जितेंद्र गोगी को बाबा साहब अंबेडकर अस्पताल ले जाया गया. 

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