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अदानी ग्रुप द्वारा एकतरफा फैसला किसी भी स्टेकहोल्डर्स को सूचना दिए या विश्वास में लिए बिना किया गया है।

शिमला हिमदेव न्यूज़ 18 दिसंबर 2022 जैसा की सर्वविदित है के हिमाचल प्रदेश में सबसे बड़े दो सीमेंट कारखानों के अदानी ग्रुप द्वारा अधिग्रहण और तत्पश्चात ब्लैक मेलिंग या किसी साजिश के तहत नवनिर्वाचित राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करना हो पर लाखों लोगों का रोजगार संकट में डाल दिया गया है। अदानी ग्रुप द्वारा यह एकतरफा फैसला किसी भी स्टेकहोल्डर्स को सूचना दिए या विश्वास में लिए बिना किया गया है। अदानी ग्रुप के हिमाचल में पांव तीन काले कृषि कानूनों को लेकर हुआ किसान आंदोलन भी किसी क्षेत्र में कॉर्पोरेट मोनोपली के खिलाफ था लेकिन बहुत से संस्थाएं या व्यक्ति इसको केवल किसानों का अपने अधिकारों की प्राप्ति के लिए आंदोलन समझ बैठे और भविष्य में होने जा रहे मोनोपलाइजेशन की गंध का अनुभव ना कर सके। कॉर्पोरेट मोनोपली में आज हिमाचल प्रदेश एक बेहतरीन उदाहरण है जब सबसे पहले हिमाचल प्रदेश में सेब भंडारण के मेगा CA स्टोर अदानी ग्रुप ने स्थापित किए और उसके बाद धीरे-धीरे सेब की कीमतों पर अपने इस विशाल भंडारों के दम पर नियंत्रण स्थापित करना शुरू कर दिया। इस वर्ष हिमाचल प्रदेश में जहां चूने के पत्थर के असीम भंडार हैं वहां की मेगा सीमेंट प्लांट(ACC/Ambuja) को खरीद कर जनता और निर्माण की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण वस्तु सीमेंट पर अपने एकाधिकार की शुरुआत कर दी है। ये मेगा प्लांट किसानों की जमीनों पर उनको ट्रक डालकर वैकल्पिक रोजगार देने के नाम पर स्थापित हुए थे और आज पास के लोग जो इसका प्रदूषण झेलते हैं उनको भी पड़ोसी राज्यों से महंगा सीमेंट लेना पढ़ता हैं। मौजूदा हिमाचल सरकार हालांकि इसमें सर्वथा निर्दोष है क्योंकि ये प्लानिंग केंद्र सरकार के दम पर बहुत पहले से तैयार हो चुकी होगी। जल्द बिलासपुर तक रेल लाइन आनी है और रेल तो अब अदानी की अपनी हैं तो इन फैक्ट्री का अधिग्रहण बड़ा सोच समझ कर किया गया है ताकि कच्चे और तैयार माल दोनो का आना जाना अदानी के अपनी रेल से हो।हिमाचल सरकार ने सरकारी ऑर्डर कैंसल करके अनजाने में वो काम कर दिया जो हर सीमेंट प्लांट मालिक खुद चाहता था की सरकार को मार्केट से कहीं कम रेट पर सीमेंट देना ही ना पड़े। किसान संगठनों से बेहतर अदानी के गेम प्लान को कोई समझ ही नही सकता और इनको झुकाना भी किसान संगठनों के बस में ही है। सयुंक्त किसान मोर्चा भारत का पूरा समर्थन अपने ट्रक ऑपरेटर भाइयों जी खुद किसान थे या हैं, उनके साथ रहेगा। पंजाब हरियाणा की सभी किसान जत्थेबंदियों से भी इस बारे बात हो चुकी है क्योंकि यह बात किसी एक क्षेत्र के ट्रांसपोर्टर्स या कर्मचारियों की नही बल्कि उसी सिद्धांत की है जिसके लिए किसान आंदोलन लड़ा गया था और चौधरी राकेश टिकैत जो कहते हैं कि गरीब की जरूरत की वस्तु इन धन्ना सेठों की तिजोरी में बंद ना हो चाहे वो अनाज हो या सीमेंट! हम अभी हालत पर नजर बनाए हुए हैं और प्रभावित वर्ग के संपर्क में हैं और इन प्लांट से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पा रहे एक लाख लोगों के पेट, हक और अस्मिता की रक्षा करेंगे।