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tonk samachar train look school become popular among students | Tonk: ‘ट्रेन वाला स्कूल’ तय कर रहा भविष्य की रफ्तार, बच्चे करते हैं यहां पढ़ने की जिद

Tonk: आपने राजस्थान (Rajasthan) में शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले स्कूलों की तस्वीरें को बहुत देखी होंगी. कहीं स्कूलों को बदहाली तो कही स्कूलों में बिना छत से बच्चों की लगती कक्षाएं भी देखी होंगी. 

आज हम आपको टोंक में एक ऐसे सरकारी स्कूल की तस्वीर दिखाएंगे कि आप भी दांतों तले अंगुली दबा बैठेंगे और कह उठेंगे कि यह स्कूल है या ट्रेन.

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वैसे तो टोंक जिले में रेल का मुद्दा सालों से चुनाव से लेकर विधानसभा और लोकसभा तक छाया हुआ है लेकिन आज तक टोंक के बाशिंदों ने न तो ट्रेन की आवाज सुनी, न ट्रेन देखी. बस फिर क्या था टोंक जिले के देवली में निवारियां के सरकारी स्कूल के हेड मास्टरजी ने बच्चों को ट्रेन की सवारी करवाने की ठान ली. अब रोज बच्चे ट्रेन में सवार भी होते हैं और उसकी रफ्तार से भविष्य की दिशा तय करने की कोशिश भी कर रहे हैं.

ऊपर दिखाई गई तस्वीरें टोंक जिले के देवली के निवारियां की हैं. यहां ट्रेन भविष्य की रफ्तार तय करेगी. हर दिन स्कूल आना और आकर रेल में सफर का अहसास करना हो तो राजस्थान के टोंक जिले के गांव निवारिया में जाएं. यहां के बच्चे रेल का बखूबी आनंद ले रहे हैं. वैसे यह कोई ट्रेन नहीं बल्कि शहीद हंसराज जाट राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय है. इस पर रंग-रोगन करके इसे रेलगाड़ी की तरह बनाया गया है, जो बच्चों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर रही है. 

यह अनुकरणीय कार्य किया है प्रधानाचार्य महावीर प्रसाद मीणा ने. मीणा इसी वर्ष स्थानांतरित होकर यहां आए हैं. उन्होंने दानदाताओं के सहयोग से स्कूल के 12 कमरों को रेलगाड़ी का लुक दिया है. इसे देख बच्चे स्कूल की ओर आकर्षित होने लगे हैं. अब कस्बे के नौनिहाल ये कहते नजर आ रहे हैं कि हम तो रेलगाड़ी वाले स्कूल में पढ़ाई करेंगे.

अगर शिक्षक चाहे तो स्कूल की सूरत और सीरत दोनों बदल सकता है. बस कोशिश करने की मंशा होनी चाहिए और यह कर दिखाया है प्रधानाचार्य महावीर प्रसाद ने. ऐसे ही अन्य स्कूलों के प्रधानाचार्यों को सीख लेकर कुछ नया करना चाहिए.

Reporter- PURUSHOTTAM JOSHI 

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