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World Heart Day Heart attack cases increasing rapidly after Corona period | World Heart Day: कोरोना के बाद और तेजी से बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले, ऐसे रखें दिल का ख्याल

Jaipur: आज के दिन यानी 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे (World Heart Day) के रूप में मनाया जाता है और आज भी विश्व में सबसे अधिक मौत (Death) का कारण दिल से जुड़ी बीमारियां हैं. 

यही नहीं, बीते 20 वर्षों की बात की जाए तो दुनिया में सबसे अधिक मौतें दिल की बीमारी के चलते हुई हैं. इसके अलावा वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (World Health Organization) ने भी दिल की बीमारी से जुड़ा एक आंकड़ा दिया है, जो काफी चौंकाने वाला है. डब्ल्यूएचओ का यह भी दावा है कि 75 फीसदी कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से मौत विकासशील देशों में हो रही है और भारत की बात की जाए तो 27% मौत के लिए दिल की बीमारियां जिम्मेदार है.

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डबल्यूएचओ की मानें तो हर साल 17.9 मिलियन लोग हर साल सीवीडी यानी कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के चलते अपनी जान गंवा देते हैं और विश्व में जितने भी मौतें होती हैं, उनमें 32% मौत के लिए दिल की बीमारियां जिम्मेदार हैं. इसके अलावा 85% मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक के चलते होती हैं. दिल से जुड़ी बीमारियों से होने वाली यह मौत का आंकड़ा काफी डराने वाला है लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि बीते कुछ वर्षों में दिल से जुड़ी बीमारियों के मामले लगातार बढ़ते हैं. 

क्या कहना है हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर का
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर निखिल चौधरी (Nikhil Choudhary) का कहना है कि आज भी विश्व में सबसे अधिक मौतें दिल की बीमारियों से हो रही है, जो एक चिंताजनक विषय है. इसके अलावा बीते कुछ वर्षों में भारत में भी दिल से जुड़ी बीमारियों के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं. आमतौर पर दिल से जुड़ी बीमारियां 60 से 70 वर्ष की आयु के लोगों में देखने को मिलती थी लेकिन अब 40 वर्ष से भी कम उम्र की आयु के लोगों में दिल से जुड़ी बीमारियां देखने को मिल रही है. चिकित्सकों का दावा है कि इसका प्रमुख कारण तनाव और इसके बाद नशे की गिरफ्त में आना है. आमतौर पर बीड़ी सिगरेट और शराब पीने वाले लोगों ने दिल की बीमारियां सबसे अधिक देखने को मिलती थी लेकिन अब तनाव के कारण दिल पर असर पड़ने लगा है.

कोविड के बाद बढ़ीं दिल की बीमारियां
बीते साल में विश्व में कोविड-19 संक्रमण खेलने के साथ ही अन्य बीमारियों के मामले भी तेजी से बढ़ने लगे हैं, जिसमें दिल की बीमारियां सबसे प्रमुख हैं. देश की बात की जाए तो कोविड-19 संक्रमण के बाद भारत में भी दिल की बीमारियों से जुड़े मामले सबसे अधिक सामने आए हैं हालांकि आम लोग अभी भी हृदय रोग को लेकर सजग नहीं है और हार्ट के दर्द को पेट की गैस संबंधी दर्द समझ कर ही अनदेखा कर देते हैं, जो कि रिस्क का कारण बन जाता है. 

हृदय रोगों के लक्षणों को समझने की जरूरत
कुल मिलाकर हृदय रोग अब किसी उम्र विशेष तक सीमित नहीं रह गये बल्कि बदलती लाइफस्टाइल से इसके रोगियों की संख्या दुगनी रफ़्तार से बढ़ गई है. हमें जरूरत है कि समय रहते हृदय रोगों के लक्षणों को समझें और इसके लक्षणों को नजरअंदाज ना करते हैं. हृदय रोग से जुड़े डॉक्टर से परामर्श लें.

 

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