



मुरादाबाद जेल के अंदर महिला कैदियों को गाय के गोबर से मूर्तियां और दीपक बनाने की ट्रेनिंग दी गई थी. जिसके बाद से यह महिला बंदी मुरादाबाद और मेरठ जेल के अंदर दीपक और मूर्तियां बना रही हैं. महिला बंदी, पहले तो डॉमेस्टिक मार्केट के लिए मूर्ति बना रहीं थी जिनकी अमेजॉन के जरिए पूरे देश में सप्लाई की जा रही थी. इन लोगों के हाथ की बनी मूर्तियों की वजह से विदेशों में भी जबरदस्त डिमांड है.
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