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December 2, 2025 9:05 pm

प्रदेश सरकार द्वारा बार-बार आग्रह करने के उपरांत केंद्र सरकार ने केवल 2006 करोड़ रुपये की नाममात्र राशि जारी की है: नरेश चौहान

मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश ने वर्ष 2023-24 में प्राकृतिक आपदा की विभीषिका को झेला था। केंद्रीय टीम द्वारा प्राकृतिक आपदा के कारण हुई क्षति का लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का आकलन किया गया था। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा केंद्र के शीर्ष नेतृत्व के समक्ष अनेक बार इस पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (पीडीएनए) की राशि को जारी करने का अनुरोध किया गया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बार-बार आग्रह करने के उपरांत केंद्र सरकार ने केवल 2006 करोड़ रुपये की नाममात्र राशि जारी की है। उन्होंने कहा कि न केवल केंद्र सरकार बल्कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी प्रदेश के लोगों को समय पर राहत राशि उपलब्ध करवाने में नाकाम साबित हुए हैं। यह राशि आपदा के कारण प्रदेश में हुए नुकसान की भरपाई के लिए नाकाफ़ी है। प्राकृतिक आपदा के कारण हिमाचल को हुए नुकसान के दृष्टिगत केंद्र सरकार को प्रदेश की आवश्यकताओं के प्रति उदार रवैया अपनाना चाहिए था। जबकि उन्होंने इस संवेदनशील मामले में भी भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया।
नरेश चौहान ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण प्रदेश के लोगों के मकान उजड़ गए। इसके अतिरिक्त प्रदेश में पेयजल, सिंचाईपरियोजनाओं, अधोसरंचना, सड़कों एवं पुलों को भारी क्षति पहुंची थी। केंद्र सरकार को हिमाचल को हुई क्षति को ध्यान में रखते हुए पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए उदार वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि जब हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा था, उस समय मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश के सीमित संसाधनों के बावजूद आपदा प्रभावितों के लिए 4500 करोड़ रुपये का पैकेज जारी किया। मुख्यमंत्री ने स्वयं ग्राउंड ज़ीरो में रहकर राहत कार्यों का जायजा लिया। उस समय हिमाचल को अपना दूसरा घर मानने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेशवासियों को दुःख की घड़ी में अकेला छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने कई बार आपत्तियां लगाईं। इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लोगों की मांगों को सशक्त तरीके से केंद्र के समक्ष प्रस्तुत किया।
केंद्र सरकार को आभार देने के अनुराग ठाकुर के बयान पर नरेश चौहान ने कहा कि यह प्रदेश के लोगों का अधिकार है और केंद्र सरकार प्रदेश के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं रख सकती। उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर हिमाचल के लोगों के लिए जबावदेह हैं। उन्हें यह बताना चाहिए कि आपदा राहत राशि उपलब्ध करवाने में इतना समय क्यों लगा और यह प्रदेश की आवश्यकता के अनुरूप क्यों नहीं प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि यह नाममात्र की राशि केंद्र के भेदभाव पूर्ण रवैये को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित कर रही है। अनुराग ठाकुर प्रदेश के लोगों के हितों को ताक पर रखकर केवल भाजपा के आलाकमान को खुश करने के लिए अपने स्वार्थ साधने की राजनीति में लगे हुए हैं।  
पावंटा साहिब प्रकरण पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल में सभी धर्म के लोग सौहार्दभाव से मिल-जुल कर रहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं ने हमेशा से ही हिमाचल के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि यह रिकार्ड है कि भाजपा के नेताओं ने हर मामले का राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की है। भाजपा के नेताओं ने समुदाय विशेष के प्रति टिप्पणी कर उनकी संवेदनाओं को आहत किया है। उन्होंने कहा कि किसी को भी कानून व्यवस्था को हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शांतिपूर्ण माहौल को खराब नहीं होने दिया जाएगा और प्रदेश सरकार पारदर्शी तरीके से हर कार्रवाई सुनिश्चित कर रही है।