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Amarinder Singh meets Union Home Minister Amit Shah, If joins BJP why it would be win-win situation for both | अमरिंदर सिंह क्यों थाम सकते हैं कमल? जानें कैप्टन के आने से BJP को क्या होंगे फायदे

नई दिल्ली: इस वक्त पंजाब की राजनीति पर देशभर की नजरे टिकी हुईं हैं. पंजाब कांग्रेस की कलह दूर होने का नाम नहीं ले रही है. नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) अपनी बातों पर अड़े हुए हैं, जिन्हें मनाने की कोशिशें जारी है. कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को सिद्धू को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी हैं, जबकि कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) और अमित शाह (Amit Shah) की मुलाकात के बाद से कई कयास लगाए जा रहे हैं.

45 मिनट तक अमित शाह-अमरिंदर सिंह के बीच चर्चा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amit Shah-Amarinder Singh Meeting) के बीच बुधवार को करीब 45 मिनट तक चर्चा हुई. अमित शाह के साथ अमरिंदर सिंह की मुलाकात के कारण राजनीति में उनके भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. हालांकि मुलाकात के बाद पंजाब के पूर्व सीएम ने कहा कि उन्होंने अमित शाह से आग्रह किया है कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करके और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देकर पिछले 10 महीनों से चल रहे किसानों के आंदोलन के मुद्दे का समाधान किया जाए.

BJP में क्यों जा सकते हैं अमरिंदर सिह?

– अमरिंदर सिंह के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जाने लगी है.
– चुनाव से पहले नई पार्टी लॉन्च करना मुश्किल है.
– कैप्टन को मजबूत सियासी ठिकाना मिल जाएगा.
– बीजेपी के सियासी ढांचे में अमरिंदर सिंह फिट बैठते हैं.

कैप्टन के बीजेपी में आने से फायदे

– पार्टी किसानों के मुद्दे पर रास्ता तैयार कर सकती है.
– पंजाब में बीजेपी को बड़ा चेहरा मिल जाएगा.
– पंजाब में बीजेपी खुद के दम पर पार्टी खड़ी कर लेगी.
– अमरिंदर की राष्ट्रवादी छवि का फायदा मिलेगा.

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कांग्रेस ने मुलाकात को बताया दलित विरोधी

कैप्टन अमरिंदर सिंह की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अमित शाह का निवास दलित विरोधी राजनीति का केंद्र बन गया है. पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘सत्ता में बैठे मठाधीशों के अहंकार को ठेस पहुंची है, क्योंकि एक दलित को मुख्यमंत्री बना दिया तो वो पूछते हैं कि कांग्रेस में फैसले कौन ले रहा है? दलित को सर्वोच्च पद दिया जाना उन्हें रास नहीं आ रहा.’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘दलित विरोधी राजनीति का केंद्र और कहीं नहीं, अमित शाह जी का निवास बना हुआ है. अमित शाह जी और मोदी जी पंजाब से प्रतिशोध की आग में जल रहे हैं. वे पंजाब से बदला लेना चाहते हैं, क्योंकि वे किसान विरोधी काले कानूनों से अपने पूंजीपति साथियों का हित साधने में अब तक नाकाम रहे हैं.’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नेतृत्व पर खड़े कर रहे सवाल

राजनीतिक उठापटक पंजाब में चल रही है और इस गदर का असर दिल्ली में हो रहा है. दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल खड़े कर रहे हैं. उन्हें कांग्रेस के भविष्य की चिंता सता रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने आलाकमान से सवाल किया कि कांग्रेस आखिर चला कौन रहा है?

चौतरफा संकट में घिरी हुई है कांग्रेस

कांग्रेस इन दिनों चौतरफा संकट में घिरी हुई है और अभी पंजाब में पार्टी में फूट का खतरा मंडरा ही रहा है, दूसरी तरफ कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के G-23 ग्रुप ने फिर से कांग्रेस हाईकमान पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. इसके अलावा अब छत्तीसगढ़ में भी फिर से भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव में विवाद की शुरुआत होने की आशंका है, क्योंकि छत्तीसगढ़ के 15 विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं. उधर राजस्थान में भी सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.

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