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BJP ticket distribution formula ready for UP Assembly Election 2022 know who will get priority

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सत्ताधारी दल भाजपा ने टिकट वितरण का फॉर्म्यूला तैयार कर लिया है. भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक 2022 के उत्तर प्रदेश असेंबली इलेक्शन में आधे से ज्यादा विधायकों का टिकट कट सकता है. इस पूरे 5 साल के कार्यकाल के दौरान पार्टी संगठन व सरकार की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भागीदारी नहीं करने वाले विधायकों का टिकट कटना तय है.

उम्र, परफॉर्मेंस और छवि से तय होगा टिकट का मिलना
वहीं अनर्गल बयानबाजी कर पार्टी और सरकार की किरकिरी कराने विधायकों पर भी गाज गिरेगी. टिकट वितरण में उम्र भी एक मानदंड होगी और 70 वर्ष पार कर चुके नेताओं को टिकट नहीं मिलेगा. इसके अलावा गंभीर बीमारी से जूझ रहे विधायकों का टिकट भी कटेगा. पार्टी का मानना है कि जिन विधायकों से स्थानीय जनता, कार्यकर्ता, संगठन पदाधिकारी नाराज हैं उनकी जगह नए चेहरे को मौका देने से फायदा होगा.

साथ ही जिन विधायकों पर समय-समय पर अलग-अलग तरह के आरोप लगते रहे हैं उनको भी टिकट देने से पार्टी परहेज करेगी. भाजपा से जुड़े सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से प्रत्याशी चयन के लिए सर्वे कराया जा रहा है. गृहमंत्री अमित शाह भी नजर बनाए हुए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद विभिन्न जिलों का दौरा कर फीडबैक ले रहे हैं.

प्रत्याशी चयन में आरएसएस की भूमिका भी अहम रहेगी
भाजपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में 50 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर के साथ 350 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पार्टी उम्मीदवारों के चयन में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. इस बार पार्टी का ध्यान उन सीटों पर भी ज्यादा है जो जहां पिछले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. प्रत्याशियों के चयन में उनकी छवि, योग्यता, जातीय समीकरण प्रमुख मापदंड होंगे. इसके अलावा आरएसएस की राय भी अहम रहेगी.

जिल और क्षेत्र संगठनों से तीन-नामों का पैनल मंगाया है
भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी चयन के लिए अपने जिला संगठनों से उनके क्षेत्राधिकार की सीटों पर तीन-तीन नामों का पैनल मंगाया है. क्षेत्रीय टीमों से भी तीन-तीन नामों का पैनल मांगा गया है. क्षेत्र व जिलों से आए नामों के पैनल पर मंथन कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा के अलावा संगठन महामंत्री  सुनील बंसल की कमेटी की ओर से हर सीट के लिए वरीयता के क्रम में दो से तीन नाम तय कर संसदीय बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा.

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