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cbi is conducting psychological autopsy in Mahant Narendra Giri Death case know what is this uppm | महंत नरेंद्र गिरी मौत मामला: साइकोलॉजिकल आटोप्सी के जरिए जांच कर रही CBI, जानें कैसे मिलेगी केस में मदद?

मो.गुफरान/प्रयागराज: साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेन्द्र गिरि मौत मामले की जांच सीबीआई कर रही है. अभी तक सीबीआई के हाथ इस केस में कोई अहम सुराग नहीं लगा है. ऐसे में टीम हर पहलू पर जांच कर रही है. सीबीआई की टीम लगातार तीनों नामजद आरोपियों से पूछताछ कर रही है. सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि सीबीआई इस केस को सुलझाने के लिए साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी के जरिए भी जांच पड़ताल कर रही है. 

क्या है साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी?
साइकोलॉजिस्ट के मुताबिक, साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी के जरिए सुसाइड केस में ये जानने की कोशिश होती है कि मृतक का व्यवहार लोगों के साथ कैसा था. उनके दिमाग में क्या चल रहा था. ये अमूमन हाईप्रोफाइल सुसाइड केस में की जाती है. इसमें ये भी पता किया जाता है कि जिसकी मृत्यु हुई है, उसका साइकोलॉजिकल मेकअप क्या था. उसके सोचने का तरीका, मौत के कुछ दिनों पहले क्या किया था? उसका बेहिवियर कैसा था? यह सब कुछ जानने की कोशिश की जाती है. इसके लिए उसके आस-पास रहने वाले व्यक्तियों से भी जानकारी एकत्रित की जाती है. इसके साथ ही मृतक के विसरा को भी जांच में शामिल किया जाता है. 

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महंत के मनोदशा के बारे में जानकारी जुटा रही है CBI
सूत्रों के मुताबिक, साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी में सीबीआई की फोरेंसिक टीम विसरा के जरिए नरेंद्र गिरी के दिमाग का अध्ययन कर रही है. सीबीआई की फोरेंसिक टीम महंत के लिखे नोट्स, व्हाट्सएप मैसेज आदि के बारे में भी पता कर रही है. इसके साथ ही उनके साथ रहने वाले सेवादारों, साधु-संतों, करीबियों और कर्मचारियों से उनकी मनोदशा और व्यवहार के बारे में भी जानकारी हासिल कर रही है. 

इन तीनों का है अहम रोल 
इसमें कस्टडी रिमांड पर लिए गए अभियुक्त आनंद गिरी लंबे समय तक महंत नरेंद्र गिरी के साथ रहे हैं. इसके अलावा मौत के दिन मठ से ही गिरफ्तार हुए आद्या तिवारी और संदीप तिवारी भी महंत नरेंद्र गिरी बेहद करीबी थे. इन तीनों अभियुक्तों से सीबीआई की टीम महंत नरेंद्र गिरी के पिछले दो हफ्तों की मनोदशा के बारे में जानकारी जुटा रही है. 

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20 सितंबर को हुई थी महंत की मौत 
बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि की लाश 20 सितंबर को प्रयागराज स्थित बाघंबरी गद्दी मठ में पंखे से लटकते हुए मिली थी. उनके पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरी, लेटे हुए हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था. नरेंद्र गिरि ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से इन तीनों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी.

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