सबकी खबर , पैनी नज़र

Char Dham Yatra started from Saturday, Hundreds of devotees visited on the very first day, read the important rules before leaving | Char Dham Yatra: पहले ही दिन सैकड़ों श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, जाने से पहले पढ़ लें जरूरी नियम

देहरादून: कोविड महामारी की दूसरी लहर की वजह से महीनों तक निलंबित रहने के बाद उत्तराखंड में हिमालय पर्वतीय क्षेत्र में स्थित चार पवित्र धामों की यात्रा (Char Dham Yatra) कोविड प्रोटोकॉल्स के साथ शनिवार से शुरू हो गई है. 

देवस्थानम बोर्ड रखेगा श्रद्धालुओं पर निगरानी

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि यात्रा मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का अनुपालन सुनिश्चित करने संबंधी प्रबंधों के बीच आसपास के गांवों से श्रद्धालुओं ने आज सुबह मंदिरों में पहुंचना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों पर CCTV के जरिए नजर रखी जा रही है, जिससे कि यह पता चल सके कि कहीं कोविड-19 प्रोटोकॉल का कोई उल्लंघन तो नहीं हो रहा है. तीर्थयात्रियों को चार धामों-बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के गर्भ गृह में जाने की अनुमति नहीं है. गौड़ ने कहा कि देर से शुरू हुई यह तीर्थयात्रा नवंबर के मध्य तक चलेगी.

टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा

नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य में यात्रा से जुड़े व्यवसाइयों को बड़ी राहत मिली है. इस फैसले के बाद उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग जिले के निवासियों को भी राहत की उम्मीद है. क्योंकि उत्तराखंड राज्य का अधिकतर व्यवसाय टूरिज्म सेक्टर पर ही आश्रित है. चारधाम यात्रा पर रोक लगने से हजारों लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा होने लगा था. यात्रा खुलने से इनकी आजीविका पटरी पर लौटेगी. लोग सरकार से लगातार यात्रा खोलने को कह रहे थे.

पहले ही दिन पहुंचे सैकड़ों श्रद्धालु

देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि आज शाम 4 बजे तक 419 लोगों ने बद्रीनाथ और केदारनाथ के दर्शन किए, जबकि गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों में कई स्थानीय लोगों ने पूजा-अर्चना की. उन्होंने कहा कि बोर्ड ने चारधाम यात्रा के लिए शनिवार शाम तक 19,491 ई-पास जारी किए हैं. इस बीच, चमोली जिले के सिख तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब (Gurudwara Shri Hemkund Sahib) के कपाट भी शनिवार को श्रद्धालुओं के लिए खुल गए. गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने भी कोविड प्रोटोकॉल का कड़ा अनुपालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया है.

यह भी पढ़ें: वैष्णो देवी तीर्थ यात्रा पर जाने का बना रहे प्लान तो जान लें ये नियम, अनदेखी पड़ेगी भारी

SOP का पालन करना अनिवार्य

राज्य सरकार द्वारा शुक्रवार को जारी की गई SOP में दैनिक तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित कर दी गई है, जिसके तहत बद्रीनाथ में हर रोज 1,000 लोग, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री मंदिर में 400 लोग हर रोज दर्शन कर सकते हैं. इस SOP में स्पष्ट कहा गया है कि सिर्फ ऐसे ही लोगों को यात्रा की अनुमति होगी, जिन्हें कम से कम 15 दिन पहले कोविड वैक्सीन की दूसरी खुराक लग चुकी हो या जिनके पास कोरोना की नेगेटिव (RT-PCR/Truenat/CBNAAT/RAT) रिपोर्ट हो, जो 72 घंटे से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए.

राज्यों के हिसाब से तय किए गए हैं नियम

उत्तराखंड के लोगों को स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं है, लेकिन बाहर के राज्यों से आने वाले लोगों के लिए यह आवश्यक है. वहीं, कोविड महामारी के अधिक मामलों वाले राज्यों-जैसे केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के तीर्थयात्रियों को कोविड संबंधी नेगेटिव रिपोर्ट दिखाने के बाद ही ई-पास जारी किया जाएगा, भले ही उन्हें कोरोना रोधी टीके की दोनों खुराक क्यों न लग गई हों.

LIVE TV

Source link

Leave a Comment