



लखनऊ: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को प्रयागराज के दौरे पर थे. यहां उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट परिसर में आयोजित एक समारोह में प्रयागराज में 640.37 करोड़ की लागत से बनने वाले उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में एडवोकेट चैंबर और मल्टीलेवल पार्किंग का शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने विधि अध्ययन-अध्यापन एवं अनुसंधान क्षेत्र में यूपी के कदमों को आगे बढ़ाते हुए काननू व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ भी की. इस दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज का नामकरण भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के नाम पर करने का निर्णय लिया.
राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की स्मृतियों को समर्पित हो : सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सालों से लंबित परियोजनाओं का शुभारंभ करने के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में मल्टीलेवल पार्किंग और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय इन दोनों की वर्षों से मांग चली आ रही थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के संविधान सभा के अध्यक्ष और देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का प्रयागराज से बहुत गहरा संबंध था. यहां के हर कुंभ में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की स्मृतियां जुड़ी हुई थीं. हमारी इच्छा है कि यह विधि विश्विद्यालय डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की स्मृतियों पर समर्पित होना चाहिये. इसके बाद ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसका नामकरण भी कर दिया.
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नहीं करना पड़ेगा जाम का सामना
सीएम ने कहा कि प्रयागराज उच्च न्यायालय एशिया का सबसे बड़ा हाई कोर्ट है. 24 करोड़ उत्तर प्रदेश की जनता न्याय के लिए यहां पर आती है, लेकिन उसको सबसे ज्यादा यहां जाम का सामना करना पड़ता था. प्रयागराज कुंभ के समय इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए राज्य सरकार ने बेहतरीन पहल की थी. उन्होंने बताया कि इस विश्वविद्यालय में मल्टीलेवल पार्किंग में 4 हजार वाहनों की पार्किंग, ढाई हजार अधिवक्ताओं के लिए चैम्बर बनाकर और अत्याधुनिक लाइब्रेरी बनाने की मांग को पूरा करते हुए आज राष्ट्रपति द्वारा शिलान्यास किया गया है.
न्यायिक क्षेत्र में युद्ध स्तर पर किया जा रहा इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटलाइजेशन का काम: सीएम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में सरकार ने प्रदेश में 599 न्यायालय कक्ष बनाए हैं. इनमें से वर्तमान में 311 पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं और 288 निर्माणाधीन हैं. जजों की आवासीय व्यवस्था के लिए भी प्रदेश सरकार की ओर से 611 ऐसे आवास स्वीकृत किये गये थे जिनमें 247 बनकर तैयार हैं. 364 में निर्माणाधीन हैं. उन्होंने कहा कि आज का युग डिजिटल युग है. कोरोना महामारी के दौरान हम लोगों ने तकनीक के इस महत्व को समझा है. प्रदेश सरकार ने अधिनस्थ न्यायालयों में डिजिटलाइजेशन के लिए 70 करोड़ रुपये डिजिटलाइजेशन के लिए स्वीकृत किये हैं.
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राष्ट्रपति ने न्याय व्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी पर दिया जोर
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि सही मायने में न्यायपूर्ण समाज की स्थापना तभी पूरी होगी, जब न्याय व्यवस्था में भी महिलाओं की भगीदारी होगी. न्यायपालिका में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाना होगा. मैं आशा करता हूं देश के इस विशालतम न्यायालय में महिला अधिवक्ताओं, अधिकारियों व न्यायाधीशों की संख्या में वृद्धि होगी.
लोगों को समझ में आने वाली भाषा में निर्णय देने की व्यवस्था हो: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने कहा कि गरीबों के संघर्ष को मैंने करीब से देखा है. न्यायपालिका से सबको उम्मीदें तो होती हैं, लेकिन अक्सर लोग न्यायालय की सहायता पाने से हिचकिचाते हैं. ऐसे में न्यायपालिका के प्रति लोगों के विश्वास को बढ़ाने के लिए इस स्थिति को बदलना जरूरी है. सभी को न्यय मिले, न्याय व्यवस्था कम खर्चीली हो. इसके साथ ही लोगों को समझ में आने वाली भाषा में निर्णय देने की व्यवस्था की जाए.
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