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सुन्नी में सड़क पर रह रहे बेसहारा बीमार बुजुर्ग को वृद्धाश्रम भेजने की मांग

*उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष ने कहा बुजुर्ग का जीवन खतरे में

शिमला, 3 मार्च। शिमला से लगभग 50 किलोमीटर दूर सुन्नी बाजार में भीषण ठंड में दयनीय हालत में रह रहे बेघर, बीमार बुजुर्ग बलवंत को तुरंत रेस्क्यू कर बसंतपुर वृद्धाश्रम भेजने की ज़रूरत है।

इसके लिए उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो.अजय श्रीवास्तव ने एससी, ओबीसी एवं अल्पसंख्यक विभाग की निदेशक को पत्र लिखा है। उनका कहना है कि इस बुजुर्ग के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हो रहा है और जीवन खतरे में है।निदेशक किरण भड़ाना
ने बुजुर्ग बलवंत को रेस्क्यू कर वृद्ध आश्रम भेजने का आश्वासन दिया है।

विभाग की निदेशक को भेजे पत्र
में कहा गया है कि यह बुजुर्ग गंभीर रूप से बीमार है। सुन्नी बाजार में ठंड के मौसम में भी खुले में रात गुजारने पर मजबूर है। उसके जीवन रक्षा के अधिकार एवं अन्य मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए उसे तुरंत इलाज और वृद्ध आश्रम में रखे जाने की आवश्यकता है।

प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि स्थानीय दुकानदार एवं वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका अल्पना गुप्ता कई महीनों से उसे बिस्तर, गर्म कपड़े और भोजन दे रहे हैं। दुकानदार जसमीर सिंह ने अपनी दुकान के साथ उन्हें सोने के लिए जगह दी है। बीमार होने पर उसे अस्पताल में भरती करने एवं इलाज का इंतजाम भी स्थानीय लोग करते हैं। लेकिन उसे वृद्ध आश्रम में भेजे जाने की आवश्यकता है।

स्थानीय लोगों ने बताया की बलवंत मूल रूप से बिलासपुर जिले का रहने वाला है। लेकिन वर्षों से सुन्नी में मेहनत मजदूरी कर गुजर बसर करता था। लेकिन वृद्धावस्था में अशक्त और बीमार होने के कारण अब वह कोई काम नहीं कर पाता है। इसलिए सड़क पर रहना उसकी मजबूरी है। अपने परिवार के बारे में वह कोई जानकारी नहीं देता है।

प्रो. अजय श्रीवास्तव ने उम्मीद जताई कि विभाग की निदेशक शीघ्र ही उसके इलाज और उचित पुनर्वास की व्यवस्था कर देंगी। उनका कहना है कि यदि किसी को बेसहारा हालत में कोई बेघर बुजुर्ग, बेसहारा महिला, अनाथ बच्चा या मनोरोगी सड़क पर दिखता है तो प्रशासन एवं पुलिस को सूचित कर उसे रेस्क्यू कराने का प्रयास करना चाहिए।