सुन्नी ( हरीश गौतम ) 24 सितंबर, 2022:
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के लिए 10 एमएलडी पीने का पानी रोज पहुंचाने वाले चाबा- गुम्मा पंपिंग स्टेशन के सामने वाली पहाड़ी से भूस्खलन होने के कारण पंपिंग स्टेशन क्षतिग्रस्त हो गया है जिसके बाद चाबा- गुम्मा- शिमला उठाऊं पेयजल योजना ठप पड़ गई है। हादसा शनिवार सुबह लगभग 9:30 बजे हुआ। जिस समय हादसा हुआ पंपिंग स्टेशन पर दो कर्मचारी मौजूद थे जो भूस्खलन की चपेट में आने से घायल हो गए हैं हालांकि स्थानीय अस्पताल में उपचार के बाद दोनों कर्मचारी फिर से काम पर लौट आए। भूस्खलन में पहाड़ी से गिरे बहुत बड़े हिस्से की बड़ी बड़ी चट्टानों से नॉटी खड्ड के पानी का बहाव रुक गया जिसके बाद पंपिंग स्टेशन के पीछे झील बन गई है वहां से पानी पंपिंग स्टेशन के अंदर से बह रहा है जिसमें पंपिंग स्टेशन में लगी मशीनें जलमग्न हो गई है। हादसे के बाद एसडीएम शिमला ग्रामीण निशांत ठाकुर और एसजेपीएनएल के एजीएम इंजीनियर सुमित सूद मौके पर पहुंच गए हैं एसजेपीएनएल के एजीएम इंजीनियर सुमित सूद ने बताया कि पंपिंग स्टेशन की रिटेनवाल सहित परियोजना में लगे पंपों, मोटरों और ट्रांसफार्मर सहित अन्य बिजली का सामान व भवन को नुकसान हुआ है। परियोजना में लगभग 5 से 6 करोड रुपए का नुकसान हो सकता है वही पंपिंग स्टेशन को दोबारा शुरू करने में 4 से 5 महीने का समय लग सकता है।
मौके पर पहुंचे एसडीम शिमला ग्रामीण ने हादसे का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि घायलों को प्रशासन की ओर से तीन तीन हजार रुपए राहत के तौर पर दिए गए हैं वही पीडब्ल्यूडी पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं उन्होंने कहा कि योजना के ठप पड़ने से आने वाले समय में शिमला में पानी की थोड़ी समस्या रह सकती है। प्रयोजना को जल्द से जल्द रिस्टोर किया जाएगा।
बता दें कि शिमला ग्रामीण के सुन्नी से पांच किलोमीटर की दुरी पर सतलुज नदी के किनारे ब्रिटिश राज के समय बने 1.75 मेगावाट चाबा पावर हाउस में विद्युत उत्पादन के लिए इस्तेमाल होने वाले नॉटीखड्ड के पानी को इस स्कीम के तहत चाबा से 14.5 किलोमीटर दूर गुम्मा पंपिंग स्टेशन पंहुचाया जा रहा है। योजना के तहत राजधानी शिमला को रोजाना 10 एमएलडी अतिरिक्त पानी की व्यवस्था का प्राबधान किया गया है। जिसकी अनुमानित लागत 69 करोड़ रुपये है। पेयजल योजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा 18 दिसम्बर 2018 को किया गया था।