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हिमाचल में स्वास्थ्य क्षेत्र के आधुनिकीकरण व स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की अनुकरणीय पहल

सरकार द्वारा दो वर्षों में 3.27 करोड़ बाह्य रोगियों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान

किसी भी समाज, समुदाय, राज्य अथवा राष्ट्र के विकास और तरक्की को इंगित करने के लिए वहां की शिक्षा, स्वास्थ्य प्रणालियों का गहराई से अध्ययन किया जाता है। जो इन क्षेत्रों में अग्रणी होगा, आधुनिक युग की तकनीकों के समावेश के साथ नित नवीन प्रौद्योगिकी को अपनाएगा, वही प्रगतिशील कहलाएगा और भविष्य की सशक्त तथा सुदृढ़ अर्थव्यवस्थाओं में शुमार होगा। जो राष्ट्र शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों के कायाकल्प पर प्रयास कंेद्रित करेगा वही इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों से अपना नाम दर्ज करेगा। स्वास्थ्य और शिक्षा में किया गया निवेश दशाकों एवं पीढ़ियों तक लाभान्वित करता है।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश के संसाधनों का सदुपयोग सुनिश्चित करते हुए स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया है। हिमाचल प्रदेश को भौगोलिक दृष्टि से देखा जाए तो गांवों में बसे लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना असाधारण प्रतिबद्धता एवं समर्पण से ही संभव हो सकता है। व्यवस्था परिवर्तन के अपने अढ़ाई वर्षों के छोटे से कार्यकाल में लीक से हटकर ऐसे हितकारी निर्णय लिए हैं तथा क्रांतिकारी योजनाएं आरम्भ की हैं जिससे कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का सर्वांणीण विस्तार देखने को मिला है। प्रदेश सरकार वर्तमान में राज्य भर में 2,926 राजकीय स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से प्रदेशवासियों को उनके घर-द्वार पर गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं प्रदान कर रही है। इनमें छः चिकित्सा महाविद्यालय, तीन जोनल अस्पताल, 9 क्षेत्रीय अस्पताल, 92 नागरिक अस्पताल, 107 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 585 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा 2,116 उप-स्वास्थ्य केंद्र सहित अन्य संस्थान शामिल हैं।
राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान दुर्गम क्षेत्रों सहित प्रदेश के विभिन्न स्थानों में क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप स्वास्थ्य संस्थानों की क्षमता का विस्तार किया है। नागरिक अस्पताल काजा, जिला लाहौल-स्पीति को 20 बिस्तरों से 50 बिस्तर क्षमता के अस्पताल में स्तरोन्नत किया गया हैै। जिला हमीरपुर, शिमला व ऊना के नागरिक अस्पतालों सुजानपुर, सुन्नी व हरोली को 50 बिस्तरों से बढ़ाकर 100 बिस्तरों में स्तरोन्नत किया गया है। जिला ऊना के नागरिक अस्पताल (इ.एस.आई.) गगरेट को नागरिक अस्पताल के रूप में अधिसूचित किया गया है। इसी प्रकार, जिला सोलन के बद्दी, जिला कांगड़ा के जयसिंहपुर और देहरा में नवीन खण्ड चिकित्सा कार्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है और इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। इसके अतिरिक्त सिरमौर जिले के थोडा जाखल, उठारी, नया पजौर में तीन नए स्वास्थ्य उप-कंेद्र और कोटापब व हलाह में दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं। सिरमौर की ही बशील ग्राम पंचायत ममलीग में भी एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोला गया है। जिला सोलन के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दिग्गल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया है।
स्वास्थ्य संस्थानों के स्तरोन्नयन एवं विस्तार तथा प्रदेश के सभी संस्थानों में सुनिश्चित की जा रही गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के फलस्वरूप वर्तमान प्रदेश सराकर के कार्याकाल के दौरान जनवरी, 2023 से दिसम्बर, 2024 तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगभग 3 करोड़ 27 लाख बाहय रोगियों और लगभग 37 लाख 50 हजार अंतरंग रोगियों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा चुकी हैं।मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश भर में उच्च गुणवत्ता मानकों की स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक 68 विधानसभा क्षेत्र में एक-एक तथा लाहौल-स्पीति में दो आदर्श स्वास्थ्य संस्थान खोलने का महत्त्वाकांक्षी निर्णय लिया है।
अधिकांश विधानसभा क्षेत्रों में यह स्वास्थ्य संस्थान खोले जा चुके हैं तथा शेष स्थानों में खोलने की प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है। प्रत्येक 69 आदर्श स्वास्थ्य संस्थान में 134 प्रकार की प्रयोगशाला से संबंधित सुविधाएं तथा मेडिसिन, सर्जरी, स्त्री रोग, बाल रोग एनेस्थिसियोलॉजी और रेडियोलॉजी के विशेषज्ञ होंगे। इसके अलावा पर्याप्त चिकित्सा स्टाफ, अल्ट्रासाउंड, डिजिटल एक्स-रे सहित आधुनिक उपकरण एवं सुविधाएं उपलब्ध होंगी। चिन्हित आदर्श संस्थानों में चरणबद्ध तरीक से आधुनिकतम एम.आर.आई एवं सी.टी. स्कैन की सुविधाएं उपलब्ध करवाने का कार्य भी प्रगति पर है। आदर्श संस्थानों में मशीनरी व उपकरण खरीद के लिए बजट का प्रावधान किया है तथा खरीद प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
राज्य सरकार द्वारा अढ़ाई वर्षों के कार्यकाल में 30 मार्च, 2025 तक 185 चिकित्सा अधिकारी, 130 स्टाफ नर्स, छः लैब अस्स्टिेंट, 67 मेडिकल लैबोरेट्री तकनीशियन, 45 फार्मासिस्ट ऑफिसर, 61 ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट और सात फीजियोथेरेपिस्ट सहित विभिन्न श्रेणियों के पदों पर नियुक्तियां प्रदान की गई हैं।
राज्य सरकार ने स्वास्थ्य संस्थानों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए 221 चिकित्सा अधिकारियों, 23 वॉर्ड सिस्टर, छः रेडियोग्राफर, 14 मैडिकल लैब तकनीशियन ग्रेड-2, 213 ओटीए, 11 फार्मासिस्ट, तीन खंड चिकित्सा अधिकारी और चार फिजियोथेरेपिस्ट सहित कुल 491 विभिन्न श्रेणियों के पद सृजित किए हैं।
प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सभी चिकित्सा महाविद्यालयों, 69 नागरिक अस्पतालों, क्षेत्रीय अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आधुनिक मशीनें खरीदने के लिए 1,730 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। वर्तमान में 20 आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में डायलिसिस सेवाएं प्रदान की जा रही हैं जबकि 49 संस्थानों में 41.62 करोड़ रुपये से डायलिसिस सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसी प्रकार 11 संस्थानों में ब्लड स्टोरेज यूनिट्स की स्थापना की जाएगी। आईजीएमसी शिमला, एआईएमएसएस चमियाना शिमला, हमीरपुर व नेरचौक चिकित्सा महाविद्यालयों में आधुनिक एमआरआई तथा आईजीएमसी में पैट स्कैन की सुविधा प्रदान की जाएगी।
प्रदेश सरकार द्वारा 70 वर्ष या इससे अधिक आयु के वृद्धजनों के लिए घर-घर जाकर स्वास्थ्य जांच सुविधाएं प्रदान करने के लिए ‘मुख्यमंत्री वृद्धजन देखभाल योजना’ पर कार्य किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार के इन प्रयासों के फलस्वरूप राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र का कायाकल्प और आधुनिकीकरण हो रहा है और निकट भविष्य में हिमाचल प्रदेश उत्कृष्ट स्वास्थ्य संस्थानों और विश्व स्तरीय सेवाओं व सुविधाओं के प्रदाता के रूप में ख्याति अर्जित करेगा। देश व दुनिया स्वास्थ्य क्षेत्र में हिमाचल की विकास यात्रा का अनुसरण करेगी साथ ही, हिमाचल हेल्थ पर्यटन का एक आकर्षक गंतव्य बनकर उभरेगा।