सबकी खबर , पैनी नज़र

मैं सरकारी बाबू हूं : सुरेंद्र शर्मा।

कोसते है मुझे सब
कहते हैं मैं काम नहीं करता
करता भी हूं काम कोई
तो मैं रिश्वत के बिना नहीं करता

जितना बुरा बताया जाता है
उतना बुरा मैं हूँ नहीं
जैसे मुझे दिखाया जाता है
वो सच्चाई है नहीं

सुबह से शाम तक
फ़ाइलों से घिरा रहता हूँ
थक जाता हूँ मैं भी
किसी से कुछ नहीं कहता हूँ

जो खुद कुछ नहीं करते
वो भी निकम्मा कहते हैं मुझे
देता हूं देश की तरक्की में
अपना योगदान, गर्व है मुझे

हो सिस्टम में कोई भी कमी
इल्ज़ाम मुझपर डाल दिया जाता है
मैं तो रिश्वत लेता नहीं कभी
कसूरवार मुझको मान लिया जाता है

होते है क्या अच्छे लोग ही यहां
हम मेंसे भी कुछ बुरे हो सकते हैं
बदनाम कर दो आप सभी को उनके कारण आप ऐसा कैसे कर सकते हैं

मेरा भी है घर परिवार
मां बाप पत्नी बच्चे सब साथ रहते है
उनको भी बुरा लगता है
जब बिना वजह लोग मुझे कोसते रहते हैं

मैं तो करता हूं बस काम अपना
बंधा हूं नियमों और कायदों से मैं
है नहीं मेरी अपनी दुकान यहां
जो तुरंत दे दूं ग्राहक को सामान मैं

लगता है थोड़ा समय यहां
अपने कर्तव्य से नहीं करता समझौता मैं
करता हूं नियमों का पालन
होने नहीं देता कभी किसी से अन्याय मैं

होते हैं हर जगह बुरे लोग भी
चंद बुरे लोगों के लिए न करो बदनाम मुझे
नहीं चाहता करो मेरी तारीफ तुम
बस करने दो अपना काम ईमानदारी से मुझे।