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‘I have killed your brother, come and pick up the dead body’ Big disclosure in Trilochan Singh murder case | त्रिलोचन सिंह केस: आरोपी का कॉल-‘मैंने तुम्हारे भाई को मार दिया है, आकर लाश उठा लो’

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर विधान परिषद के पूर्व सदस्य और नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के नेता त्रिलोचन सिंह वजीर (Trilochan Singh Wazir) का शव गुरुवार सुबह पश्चिमी दिल्ली के मोतीनगर स्थित एक फ्लैट से मिला. पुलिस ने बताया कि 67 वर्षीय वजीर का शव सड़ी-गली अवस्था में मिला.

‘मैंने मार दिया है, आकर लाश उठा लो’

इस हत्या के बाद पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है. घटना स्थल पर लगे CCTV कैमरे में आरोपी हरप्रीत को स्पष्ट देखा जा सकता है. गौरतलब है कि इस हत्या के आरोपी हरप्रीत सिंह खालसा ने त्रिलोचन सिंह के करीबी को फोन करके बताया था कि ‘मैंने और हरमीत ने मिलकर त्रिलोचन सिंह की हत्या कर दी है आकर लाश उठा लो.’ फोन पर हत्या का कबूलनामा करने के बाद आरोपी ने फोन नई दिल्ली इलाके में बंद कर दिया था.

भाई को दी हत्या की जानकारी

आरोपी हरप्रीत सिंह खालसा ने त्रिलोचन सिंह के जिस करीबी को फोन करके हत्या की बात कबूली वो त्रिलोचन सिंह के भाई हैं. त्रिलोचन के भाई जम्मू कश्मीर पुलिस में रिटायर्ड SSP हैं. हरप्रीत ने उनको बताया फिर रिटायर्ड SSP ने ही पुलिस को यह जानकारी दी.

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त्रिलोचन के परिवार को था हरप्रीत पर पहले से शक

मौका-ए-वारदात पर लगे सीसीटीवी कैमरे में आरोपी हरप्रीत के साथ हरमीत भी दिखाई दे रहा है. सूत्रों के मुताबिक आरोपी हरप्रीत खालसा त्रिलोचन सिंह के परिवार वालों को कई दिन तक गुमराह करता रहा कि वो विदेश चले गए हैं, त्रिलोचन के परिवार वालों ने इमिग्रेशन डिपार्टमेंट में चेक किया तो खुलासा हुआ कि त्रिलोचन भारत छोड़कर गए ही नहीं थे. जिसके बाद त्रिलोचन के परिवार का शक हरप्रीत पर बढ़ गया.

राजनीतिक रंजिश में हुई हत्या

उल्लेखनीय है कि हरप्रीत ने मोती नगर के बसई दारा पुर इलाके में जनवरी में एक घर किराए पर लिया हुआ था, ऐसा लगता है कि इस हत्या की प्लानिंग काफी पहले से की गई थी क्योंकि जिस घर में लाश मिली उस घर का सारा सामान हरप्रीत बेच चुका था. इस घटना के बाद त्रिलोचन सिंह के भाई ने पुलिस को बताया है कि त्रिलोचन सिंह से पॉलिटिकल लड़ाई चल रही थी इस वजह से हत्या को अंजाम दिया गया. त्रिलोचन सिंह के भाई ने दिल्ली पुलिस को हरप्रीत के अलावा और भी कुछ नाम दिए हैं जो हत्या की साजिश में शामिल हो सकते हैं.

गिरफ्तारी के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा मामला

लेकिन हत्या का मकसद क्या है, कैसे हत्याकांड को अंजाम दिया गया इसका खुलासा आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही हो पाएगा.

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