Alwar: राजगढ़ कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीज के परिजन द्वारा चिकित्सक व नर्सिंगकर्मियों के साथ मारपीट कर अभद्रता का मामला सामने आया है. चिकित्सा प्रभारी डॉ. जीपी मीणा ने बताया कि 20 सितम्बर को सायंकाल करीब 4 बजे चिकित्सालय में जहर खाये हुए व्यक्ति को लेकर कुछ लोग आए थे, जिसको उपचार के लिए एमओटी में लेटा दिया गया.
इसके पश्चात मरीज के नाक में ट्यूब डालने लगे तो खुशीराम नाम का व्यक्ति आया और नर्सिंगकर्मियों व चिकित्सक के साथ अभद्र व्यवहार कर मारपीट करने लगा. इस पूरी घटनाक्रम सीसीटीवी में कैद हो गई. इस सम्बंध में डॉ. महेश मीणा ने चिकित्सा प्रभारी को जानकारी देते हुए बताया कि कुछ लोग आए और उनके व नर्सिंगकर्मियों के साथ मारपीट कर हाथापाई करने लगे.
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इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस सम्बंध में थाने में मामला दर्ज करवा दिया गया है. वहीं शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. महेश मीणा ने बताया कि सोमवार की सायं करीब 4 बजे इमरजेंसी में पॉइजनिंग का मामला आया था, उसके उपचार के लिए ट्यूब लगा रहे थे तो उसके साथ आये परिजनों में एक व्यक्ति ने ट्यूब को हटा दिया. उन्होंने बताया कि जब वे मरीज को देखने जा रहे थे तो उन्हें मरीज तक पहुंचने नहीं दिया और उनके साथ हाथापाई कर मारपीट कर दी.
इलाज के लिए ऑन कॉल फिजिशियन को बुलाया तो उनको भी मरीज तक नहीं पहुंचने दिया और उनके साथ भी धक्का-मुक्की कर मारपीट की. डॉ. महेश मीणा ने बताया कि वे लोग मरीज को बिना उपचार के ले गए. इस संबंध में राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. गिर्राज प्रसाद मीणा ने मंगलवार को रिपोर्ट पेश कर बताया कि 20 सितंबर को आपातकालीन ड्यूटी पर डॉ. महेश मीणा व नर्सिंग स्टाफ जसवंत, खेमचंद, श्रीनिवास थे. जोकि सायं करीब 4 बजे जहरखुरानी बीमारी का एक मरीज ग्राम ईशवाना निवासी ओमप्रकाश पुत्र खुशीराम मीणा आया.
जिसको नर्सिंग स्टाफ प्राथमिक उपचार कर रहे थे कि इसी दौरान गाली-गलौज करते हुए ग्राम ईशवाना निवासी खुशीराम मीणा इकाई में अंदर आया और आते ही इलाज में व्यवधान उत्पन्न करते हुए उपचाररत नली को खींचकर दूर फेंक दी.
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रिर्पोट में बताया गया कि नर्सिंग स्टाफ श्रीनिवास के थप्पड़ मारते हुए मारपीट की और कुर्सी-टेबल पर सामान को तोड़फोड़ करते हुए दस्तावेजों को इधर-उधर फेंक दिया. मरीज का उपचार करने जा रहे डॉ. महेश मीना को भी इकाई के अंदर रास्ते मे ही रोककर हिंसा का प्रयोग करते हुए लात घूंसों से मारपीट की. इसके पश्चात कॉल पर डॉ. रामचन्द्र यादव को बुलाया गया तो उनके साथ भी मारपीट करते हुए मरीज का उपचार नहीं करने दिया और धक्का-मुक्की करते हुए बिना उपचार के जबरन मरीज को लेकर चला गया.
पुलिस ने राजकार्य में बाधा सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.