शिमला, 13 अक्तूबर 2025। भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, राष्ट्रपति निवास, शिमला में आज संस्थान के टेगौर अध्येता एवं लोकभाषा विशेषज्ञ प्रोफेसर ओमप्रकाश शर्मा द्वारा रचित पुस्तक “हिमाचली पहाड़ी भाषा: लिपियाँ और लोकसाहित्य” का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया।
यह ग्रंथ हिमाचल प्रदेश की विभिन्न पहाड़ी भाषाओं, लिपियों और लोकसाहित्य के गहन अध्ययन पर आधारित है तथा प्रदेश की भाषाई परंपरा, सांस्कृतिक विविधता और लोकजीवन के संवेदनात्मक आयामों को उजागर करता है।
समारोह की अध्यक्षता भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान की अध्यक्ष प्रोफेसर शशिप्रभा कुमार ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर हिमांशु कुमार चतुर्वेदी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान किया गया, जिसके पश्चात् प्रोफेसर ओमप्रकाश शर्मा ने पुस्तक की पृष्ठभूमि और शोध-प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। इसके उपरांत पुस्तक का औपचारिक लोकार्पण किया गया।
पुस्तक समीक्षा डॉ. कर्म सिंह, पूर्व सचिव, हिमाचल कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी ने प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि यह ग्रंथ हिमाचली लोकभाषाओं के स्वरूप, शब्द-संरचना, और उनसे जुड़े लोकसाहित्य को वैज्ञानिक दृष्टि से समझने का प्रयास है।
डॉ. चेतराम गर्ग, निदेशक, ठाकुर रामसिंह इतिहास शोध संस्थान, नेरी ने पुस्तक को हिमाचली लोकपरंपरा के पुनर्पाठ की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण योगदान बताया।
प्रोफेसर विद्या शारदा, पूर्व विभागाध्यक्ष, संस्कृत विभाग, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने कहा कि इस कृति में लोकज्ञान और भाषाई विविधता के बीच का संबंध अत्यंत संवेदनशीलता से उकेरा गया है।
डॉ. राधा रमण शास्त्री, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री, हिमाचल प्रदेश ने अपने वक्तव्य में कहा कि इस प्रकार के शोध-आधारित कार्य हमारी सांस्कृतिक पहचान के संवर्धन के लिए आवश्यक हैं।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर हिमांशु कुमार चतुर्वेदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि –
“हिमालय की भाषाएँ और उनका लोकसाहित्य हमारे सांस्कृतिक अस्तित्व की धड़कन हैं। उनका संरक्षण केवल भाषाई नहीं, बल्कि सांस्कृतिक उत्तरदायित्व है।”
अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रोफेसर शशिप्रभा कुमार ने कहा कि यह पुस्तक भाषा, संस्कृति और परंपरा के संगम का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने लेखक को इस महत्त्वपूर्ण शैक्षिक योगदान के लिए बधाई दी।
कार्यक्रम के अंत में संस्थान के सचिव श्री मेहर चन्द नेगी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। संचालन जनसंपर्क अधिकारी अखिलेश पाठक ने किया। समारोह में बड़ी संख्या में विद्वानों, अध्येताओं, साहित्यकारों और मीडिया प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।
अखिलेश पाठक
पीआरओ, आईआईएएस शिमला








