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Is Former Punjab Chief Minister Amarinder Singh Going To Join BJP Know The reason | क्या BJP में जाएंगे Captain Amarinder Singh? जानिए क्यों लगाए जा रहे ऐसे कयास

चंडीगढ़: 79 साल के कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अब क्या करेंगे ये बड़ा सवाल है. क्या अमरिंदर सिंह बीजेपी (BJP) के साथ जाएंगे? अमरिंदर सिंह ने पिछले दिनों दिल्ली यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की थी. अब जब अमरिंदर सिंह ने सीएम पद छोड़ दिया है तो कयास लगाए जा रहे हैं कि वो बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं.

क्या कैप्टन और बीजेपी एक-दूसरे के लिए विकल्प?

हालांकि किसान आंदोलन को लेकर BJP के खिलाफ पंजाब में शुरू हुई मुहिम में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सबसे बड़ी भूमिका जरूर थी. दूसरी तरफ BJP के पास पंजाब में कोई बड़ा चेहरा भी नहीं है. ऐसे में पंजाब में कैप्टन और बीजेपी एक-दूसरे के लिए सही विकल्प साबित हो सकते हैं. कैप्टन अमरिंदर भी राष्ट्रवाद को लेकर प्रखर हैं और बीजेपी भी राष्ट्रवाद की राजनीति करती है.

अगर कैप्टन बीजेपी के साथ आते हैं तो उन्हें आंदोलनकारी किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा और जल्द मोदी सरकार को मना कर किसानों के हक में फैसला करवाना होगा.

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कैप्टन के पीएम मोदी से हैं अच्छे संबंध

हालांकि उन्होंने बीजेपी में जाने की संभावनाओं को पूरी तरह से खारिज नहीं किया है. अकाली दल के अलग होने के बाद पंजाब में बीजेपी अकेले पड़ गई है. किसानों के आंदोलन के कारण पंजाब में बीजेपी का जनाधार बहुत सिमट गया है. इसमें भी कोई शक नहीं है कि कैप्टन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ अच्छे संबंध रहे हैं.

क्या कैप्टन आम आदमी पार्टी के साथ जाएंगे?

अमरिंदर सिंह की आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ने की संभावना भी बेहद कम है क्योंकि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कई बार आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर राजनीतिक वार किया है. साथ ही कैप्टन ये कभी नहीं चाहेंगे कि उनसे जूनियर नेता उनके ऊपर हों.

क्या अमरिंदर सिंह अपनी पार्टी बनाएंगे?

कैप्टन अमरिंदर सिंह कभी अकाली दल में भी रह चुके हैं. 1982 में वो अकाली दल से अलग हो गए थे, जिसके बाद उन्होंने अपनी अलग पार्टी बना ली थी. हालांकि 1988 में उन्होंने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था. कैप्टन के अपनी पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में आने की संभावना भी कम ही दिखाई दे रही है क्योंकि इस उम्र में अपनी पार्टी बनाना और उसे चलाना कैप्टन के लिए आसान नहीं होगा.

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पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अकाली दल के खिलाफ दशकों से राजनीति की है. राजनीति के जानकारों के मुताबिक ऐसी स्थिति में कैप्टन के लिए अकाली दल विकल्प नहीं हो सकता है.

फिलहाल कैप्टन अमरिंदर सिंह की निगाह अब इस बात पर है कि कांग्रेस आलाकमान मुख्यमंत्री किसे बनाता है? नए मुख्यमंत्री का चेहरा सामने आने के बाद ही कैप्टन अपने अगले कदम का फैसला करेंगे.

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