Jaipur: जलदाय विभाग के पायलट प्रोजेक्ट स्मार्ट मीटर (Pilot Project Smart Meter) लगाने के लिए एक ही फर्म के आने से विभाग फिर टैंडर खोलेगा. पहले इस प्रोजेक्ट का काम सितंबर में शुरु होना था लेकिन अब टैंडर नहीं होने के कारण अक्टूबर के बाद ही इसका काम शुरू हो पाएगा.
जलदाय विभाग फिर से पेयजल मीटर को हाईटेक करने की कोशिश मे लगा है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत जयपुर से इसकी शुरूआत होनी थी लेकिन एक ही फर्म द्धारा टैंडर प्रक्रिया में शामिल होने के बाद जलदाय विभाग फिर से टैंडर खोलेगा. विभाग अक्टूबर में इस टैंडर को खोलेगा, इसके बाद ही स्मार्ट मीटर लगने का काम शुरू होगा. इससे पहले भी विभाग ने कई जगह स्मार्ट मीटर लगाकर सिस्टम को हाईकेट करने की कोशिश की थी लेकिन इसमें जलदाय विभाग पूरी तरह से फेल हुआ.अतिरिक्त मुख्य अभियंता मनीष बेनीवाल का कहना है पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए विभाग फिर से टैंडर खोलेगा, टैंडर प्रक्रिया मे एक ही फर्म ने भाग लिया था.
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क्या खास है स्मार्ट मीटर में
राजधानी जयपुर के जवाहर नगर से इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत की जाएगी, जिसमें खास बात ये रहेगी कि सैंसर के जरिए मीटरों की रीडिंग आ सकेगी. उपभोक्ता रोजाना मोबाइल एप पर ये देख सकेगा कि आज कितना पानी खर्च किया. इसके साथ-साथ उपभोक्ताओं की यह भी शिकायते दूर हो सकेगी कि कही मीटर में पानी की जगह हवा तो नहीं आ रही है, जिस कारण पानी का बिल ज्यादा आ रहा है. वहीं पानी की चोरी भी इस सिस्टम से रूक सकेगी.
इससे पहले प्रोजेक्ट फेल हुआ
5 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में सबसे पहले 6 हजार स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, यदि प्रोजेक्ट सक्सेज रहा तो पूरे राजस्थान में इस प्रोजेक्ट को लागू किया जाएगा. जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने बजट में इसकी घोषणा की थी कि सबसे पहले उन घरों में मीटर बदले जाएंगे, जहां पुराने मीटर खराब पड़े है. जलदाय विभाग ने टैंडर की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है लेकिन पीएचईडी विभाग ने इससे पहले भी विभाग को हाईटैक करने की कोशिश की थी, जिसमें जलदाय विभाग फैल हुआ था और वो प्रोजेक्ट बीच में ही बंद हो गया.अब विभाग फिर से अक्टूबर के बाद ही स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू होगा.
क्या अबकी बार पास होगा प्रोजेक्ट
ऐसे में अब सवाल यह है कि क्या अबकी बार यह प्रोजेक्ट पास होगा क्योकि इससे पहले भी विभाग ने कोशिश की थी लेकिन इन प्रयासों के बावजूद जलदाय विभाग फेल हुआ था.