



नई दिल्ली: CPI से नाराज चल रहे कन्हैया कुमार ने आखिरकार कांग्रेस का दामन थाम लिया. कन्हैया और गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इस मौके पर उन्होंने कांग्रेस को देश के लिए जरूरी बताया.
ज्वॉइनिंग के बाद कन्हैया कुमार ने कहा, ‘मैंने कांग्रेस इसलिए ज्वॉइन की क्योंकि यह केवल एक पार्टी नहीं है बल्कि यह एक आइडिया है. यह देश की सबसे पुरानी और लोकतांत्रिक पार्टी है. मैं लोकतंत्र के लिए शुरू से लड़ता रहा हूं. केवल मैं ही नहीं बल्कि काफी लोग भी सोचते हैं कि कांग्रेस के बिना देश आगे नहीं बढ़ सकता.’
कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘देश में इस वक्त फासिस्ट ताकतों का राज चल रहा है. मैं उम्मीद करता हूं कि कन्हैया और जिग्नेश के कांग्रेस में आ जाने के बाद ऐसी ताकतों के खिलाफ लड़ाई में और मजबूती आएगी. कन्हैया कुमार देश में अभिव्यक्ति की आजादी के आइकन हैं. उन्होंने स्टूडेंट लीडर के रूप में कट्टरवादी ताकतों से लड़ाई लड़ी है. इन दोनों हस्तियों के पार्टी से जुड़ने से कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा.’
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘इन्होंने(कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी) लगातार मोदी सरकार और हिटलरशाही की नीति के खिलाफ संघर्ष किया. हमारे इन साथियों को लगा कि ये आवाज़ और बुलंद हो पाएगी, जब ये कांग्रेस और राहुल गांधी की आवाज़ में मिलकर एक और एक ग्यारह की आवाज बन जाएगी.’
मूल रूप से बिहार से ताल्लुक रखने वाले कन्हैया जेएनयू में कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी के मामले में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में आए थे. कन्हैया पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ भाकपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे थे, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. दूसरी तरफ, दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जिग्नेश गुजरात के वडगाम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं.