



राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल के भक्तों को यह खबर निराश कर देगी. भक्तों और महाकाल के बीच अपार आस्था से खिलवाड़ का एक और मामला सामने आया है. मंदिर के एक कर्मचारी ने भक्तों द्वारा दिए जाने वाले दान पर सेंधमारी की है. उस पर बार कोड स्कैन के माध्यम से ऑनलाइन दान मिलने वाली राशि में गड़बड़ी करने का आरोप लगा है.
आरोप है कि कर्मचारी ने बार कोड के नीचे अपनी UPI कोड मोबाइल नंबर लिख कर सोशल मीडिया पर साझा कर व्हाट्सअप स्टेट्स अपलोड किया और निचे लीखा कि भूतभावन भगवान महाकालेश्वर के मन्दिर में दान/भेंट प्रदान करने हेतु उपयोग कर सकते हैं. जिसका स्क्रीन शॉट भी सामने आया है. मामले को तत्काल गम्भीरता से लेते हुए कलेक्टर व मंदिर समिति अध्यक्ष आशीष ने जांच के आदेश दिए हैं.
कलेक्टर ने बताया कि मंदिर के कर्मचारी का पिछले एक साल का अकाउंट डिटेल निकवाया जाएगा. दोषी होने पर कार्रवाई की जाएगी. हालांकि अभी एक महीने की डिटेल में ऐसी कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई है.
जिला कलेक्टर व मंदिर समिति अध्यक्ष आशीष सिंह ने अधीक जानकरी देते हुए कहा कि महाकाल मंदिर के कर्मचारि के व्हाट्सअप स्टेट्स में जो मंदिर का बार कोड था जिस पर कर्मचारी का नंबर लिखा हुआ था, मामले में प्राथमिक जांच करने पर सामने आया है कि मंदिर परिसर में जहां भी बार कोड लगे हैं वो सब मंदिर के खाते के ही हैं, मंदिर का कर्मचारी का व्हाट्सएप्प स्टेट्स का जांच का विषय है.
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बता दें, कि यहां श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ का ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले मंदिर के बाहर खड़े काले घोड़े की नाल को 500 रुपये कीमत में साल भर से अधिक का बता कर बेचने का मामला एक दिन पहले ही सामने आया था, जिसमें जांच के आदेश एएसपी अमरेंदर सिंह ने दिए हैं. इससे पहले भी क्षिप्रा राम घाट का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें श्रद्धालुओं से भिक्षुक फ्रॉड कर पैसा मांगते नज़र आये थे. सभी मामले में पुलिस लगातार कार्रवाई और जांच में जुटी है.
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