



लखनऊ: घोसी से बसपा सांसद अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था. केस फाइल कराने वाली युवती ने 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के आगे ही आत्मदाह का प्रयास किया था. 24 अगस्त को पीड़िता ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. इसके बाद से पुलिस प्रशासन में हरकत तेज हो गई. पीड़िता आत्मदाह मामले में तत्कालीन ADCP विकास त्रिपाठी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है. अब उन्हें 15 दिन के अंदर इसका जवाब देना होगा.
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3 महीने तक लंबित रखी जांच
विकास चंद्र त्रिपाठी तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक वाराणसी/ अपर पुलिस आयुक्त काशी जोन के संबंध में निम्न निष्कर्ष 2 सदस्य समिति की जांच में सामने आया कि एडीसीपी विकास त्रिपाठी द्वारा संवेदनशील प्रकरण में जांच को 3 महीने तक लंबित रखा गया और उसके बाद अभियोग पंजीकृत किया गया. यह लापरवाही का परिचायक है.
आवेदिका की समस्या का नहीं किया निस्तारण
इसके अलावा, सर्वोच्च न्यायालय को दिए गए प्रार्थना पत्र में अतुल राय पर लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच विकास चंद्र त्रिपाठी को दी गई थी, लेकिन जांच इनके द्वारा पूरी नहीं की गई. न ही आवेदिका की समस्या के निस्तारण की कोशिश की गई. यह भी लापरवाही का परिचायक है.
इस वजह से हो रही कार्रवाई
सभी के दृष्टिगत विकास चंद्र त्रिपाठी तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस उपायुक्त काशी जोन को उनके उप कार्यवाह चरण हेतु उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक नियमावली 1999 के नियम 7 के अंतर्गत विभागीय कार्यवाही संस्थित की जाती है.
24 तारीख को हुई युवती की मौत
दरसल, बीते 16 अगस्त को युवती और उसके एक सहयोगी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने ही आत्मदाह किया था. इस हादसे में राममनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज के दौरान दोनों ने (युवक ने 21 अगस्त और युवती ने 24 तारीख को) दम तोड़ दिया था.
फेसबुक लाइव कर युवक-युवती ने खुद को लगाई थी आग
गौरतलब है कि युवती और युवक ने यह आत्मघाती कदम उठाने से पहले फेसबुक पर लाइव होकर एक वीडियो भी बनाया था. लाइव के दौरान ही दोनों ने खुद को आग लगाई. इस दौरान युवती ने पुलिस और प्रशासन पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. आत्मदाह करने का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया.
क्या है पूरा मामला?
1 मई 2019 को बलिया की रहने वाली पीड़िता ने वाराणसी के लंका थाने में सांसद अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था. पीड़िता का आरोप था कि अतुल राय ने 7 मार्च 2018 को उसे लंका स्थित अपने फ्लैट में अपनी पत्नी से मिलाने के बहाने बुलाया था. वहां पहुंचने पर सांसद और उनके साथियों ने युवती के साथ दुष्कर्म किया. उसका अश्लील वीडियो भी बना लिया. गिरफ्तारी से बचने के लिए अतुल राय अंडरग्राउंड हो गए. 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान भी वह गायब ही रहे. इसके बावजूद घोसी सीट से वह जीत गए. सांसद बनने के बाद उन्होंने सरेंडर कर दिया था.
सांसद ने पीड़िता पर लगाया था ब्लैकमेल करने का आरोप
अतुल राय ने भी पीड़िता के ऊपर ब्लैकमेल करने समेत कई आरोप लगाए थे. इसके बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भारतेंद्र सिंह की अदालत ने पीड़िता के खिलाफ धोखाधड़ी मामले में गैर जमानती वारंट (NBW) जारी किया था. अदालत ने यह आदेश दो अगस्त को वाराणसी कमिश्नरेट की कैंट पुलिस की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद दिया था.
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