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November 28, 2025 8:59 pm

नई श्रम संहिताओं से  कामकाजी वर्ग को मिलेगी आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा

सीबीसी द्वारा चार श्रम संहिताओं पर आईटीआई शिमला में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

शिमला 28 नवंबर 2025। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय संचार ब्यूरो,शिमला द्वारा आज राजकीय आईटीआई, समरहिल, शिमला के प्रशिक्षुओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गईं चार श्रम संहिताओं पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन कर
आईटीआई के प्राचार्य और मुख्य अतिथि इंजीनियर कार्तिक ठाकुर और विशिष्ट अतिथि हिमाचल विश्वविद्यालय में विधि संकाय की प्रोफेसर डॉ संयोगिता ठाकुर ने किया।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डा संयोगिता ठाकुर ने नई श्रम संहिताओं की सराहना करते हुए बताया कि इनके जरिए कामकाजी वर्ग की आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। उन्होंने इन कानूनों को महिलाओं के खासतौर पर लाभकारी बताया। डॉक्टर ठाकुर ने कहा कि इन संहिताओं ने महिलाओं को बराबरी के वेतन के साथ उनके काम के अवसर एवं वातावरण को भी बेहतर बनाने का काम किया है। अब, महिलाएं रात में भी सुरक्षित माहौल में काम कर सकेंगी।
अध्यक्षीय संबोधन में, प्राचार्य कार्तिक ठाकुर ने नई संहिताओं को आईटीआई के प्रशिक्षुओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि नई संहिताओं से तकनीकी दक्षता प्राप्त युवाओं को काम के बेहतर एवं सम्मानजनक अवसर मिलेंगे। इसने श्रमिकों का शोषण रोकने में भी मदद मिलेगी।
कार्यक्रम के दौरान, केंद्रीय संचार ब्यूरो के प्रमुख और सहायक निदेशक प्रकाश पंत ने स्वागत भाषण में इस कार्यक्रम के उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने प्रतिभागियों के लिए क्विज का संचालन भी किया।
कार्यक्रम में पत्र सूचना कार्यालय पीआईबी शिमला के सहायक निदेशक संजीव शर्मा, आईटीआई के शिक्षक,सीबीसी का स्टाफ और बड़ी संख्या में आईटीआई के प्रशिक्षु शामिल हुए। संगीत और नाटक विभाग के पंजीकृत कलाकारों ने इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने चार श्रम संहिताओं- वेतन संहिता, 2019, औद्योगिक संबंध संहिता, 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 और व्‍यवसायिक सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और कार्य शर्त संहिता, 2020 को 21 नवंबर, 2025 से लागू करने की घोषणा की है। इसे 29 मौजूदा श्रम कानूनों के स्‍थान पर लागू किया जा रहा है। श्रम नियमावली को मॉडर्न बनाकर, मजदूरों की भलाई को बढ़ाकर और श्रम इकोसिस्टम को काम की बदलती दुनिया के साथ जोड़कर, यह ऐतिहासिक कदम भविष्य के लिए तैयार कार्यबल और मजबूत, उद्योग-अनुकूल बनाने की नींव रखता है, जो आत्मनिर्भर भारत के लिए श्रम सुधारों को आगे बढ़ाएंगे।
पिछले दशक में, भारत ने सामाजिक-सुरक्षा कवरेज का व्‍यापक विस्तार किया है, जो 2015 में कार्यबल के लगभग 19 प्रतिशत से बढ़कर 2025 में 64 प्रतिशत से अधिक हो गया है।