एनआईसी माननीय प्रधानमंत्री के मंडी दौरे के दौरान हिमाचल प्रदेश में नई परियोजनाओं की आधारशिला रखने की सुविधा प्रदान करता है अब तक 177 में से 129 तहसीलों को स्थानीय से केंद्रीकृत वेब आधारित प्रणाली में स्थानांतरित कर दिया गया है एनआईसी द्वारा चालू माह में विभिन्न विभागों के लिए लगभग 700 घंटे के वीसी सत्रों की व्यवस्था की गई राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, हिमाचल प्रदेश ने 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री के मंडी दौरे के दौरान हिमाचल प्रदेश राज्य में नई परियोजनाओं के उद्घाटन और वस्तुतः नई परियोजनाओं की आधारशिला रखने के लिए भारी मात्रा में उपयोग की जाने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बुनियादी ढांचे की सुविधा प्रदान की। इन परियोजनाओं में शामिल हैं सावरा-कुड्डू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट, लुहरी स्टेज 1 हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट, धौलासिद्ध हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट और रेणुकाजी डैम प्रोजेक्ट। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, हिमाचल प्रदेश के डीडीजी और राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी श्री अजय सिंह चहल ने पीआईबी को बताया कि चल रही कोविड-19 महामारी के दौरान, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार देश में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि एनएचएम राज्य के एनएचएम के माध्यम से सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं को विभिन्न स्वास्थ्य उपकरण जैसे ऑक्सीजन कंसंटेटर, पीएसए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंट्रोलर प्रदान कर रहा है। श्री चहल ने बताया कि पिछले 2 वर्षों से https://oxycare.gov.in पोर्टल का उपयोग करके इन उपकरणों की पूरी आपूर्ति श्रृंखला को संभाला जा रहा है, जिसे एनआईसी द्वारा डिजाइन किया गया है।इसके अलावा, एक और स्वास्थ्य उपकरण यानी ऑक्सीजन सिलेंडर पूरे समाधान में एकीकृत है और ऑक्सीजन सिलेंडर में ऑक्सीकेयर सॉल्यूशन से उत्पन्न सुरक्षित बारकोड भी है, मोबाइल ऐप का उपयोग करके आसानी से प्राप्त किया जाता है और विभिन्न एमआईएस रिपोर्ट के लिए उपलब्ध है जो विभाग को आपूर्ति की निगरानी में मदद करता है। डीडीजी ने बताया कि ऑक्सीकेयर एमआईएस में 50,000 सिलेंडर ऑनबोर्ड किए गए हैं।श्री चहल ने आगे कहा कि राज्य में क्लाइंट सर्वर-आधारित समाधान को वेब-आधारित समाधान में बदलने की प्रक्रिया में, भूमि रिकॉर्ड कम्प्यूटरीकरण भी वेब-आधारित समाधानों में स्थानांतरित हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में तहसील/उप-तहसील डेटा को तहसील सर्वर से केंद्रीकृत सर्वर में स्थानांतरित करने पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक 177 में से 129 तहसीलों को स्थानीय से केंद्रीकृत वेब-आधारित प्रणाली में स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि पूरी प्रणाली के सुचारू क्रियान्वयन में भूमि अभिलेख विभाग ने जिलावार मास्टर ट्रेनर्स को क्षमता निर्माण कार्यक्रम की आवश्यकता बताई। श्री चहल ने कहा कि हिमाचल लोक प्रशासन संस्थान (एचआईपीए) में 9 और 10 दिसंबर को दो दिवसीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में इन मास्टर प्रशिक्षकों का क्षमता निर्माण किया गया था, जिसमें 72 राजस्व अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया था। इसके अलावा, माननीय प्रधान मंत्री और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव हिमाचल प्रदेश के वीसी सहित लगभग 79 कुलपतियों में चालू माह में कई विभागों के लिए लगभग 700 घंटे के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सत्रों की व्यवस्था की गई थी।








