



श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में एनकाउंटर के दौरान सुरक्षाबलों ने एक पाकिस्तानी आतंकी को दबोच लिया. पकड़े गए आतंकी ने सीमापार बैठे अपने आकाओं से कहा है कि उसे उसकी मां के पास पहुंचा दिया जाए. पाकिस्तानी आतंकी अली बाबर पात्रा का वीडियो मैसेज जारी किया गया है.
‘मुझे मां के पास भेज दो…’
सेना की ओर से बुधवार को जारी किये गए एक वीडियो संदेश में कहा, ‘मैं लश्कर ए तैयबा के एरिया कमांडर, आईएसआई और पाकिस्तानी सेना से अपील करता हूं कि वे मुझे उसी तरह मेरी मां के पास वापस भेज दें जैसे उन्होंने मुझे भारत भेजा.’
सेना ने 26 सितंबर को उरी में एनकाउंटर के दौरान पात्रा को पकड़ा था. उस समय वह अपनी जान की भीख मांग रहा था. सेना का अभियान 18 सितंबर को शुरू हुआ था और नौ दिन तक चला था जिसमें एक अन्य पाकिस्तानी घुसपैठिया मारा गया था.
आतंकियों ने भारत के खिलाफ भड़काया
वीडियो संदेश में 19 साल के पात्रा ने कहा कि पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और लश्कर ए तैयबा कश्मीर के बारे में झूठ फैला रहे हैं. उसने कहा, ‘हमें बताया गया कि भारतीय सेना खून बहा रही है लेकिन यहां सब शांतिपूर्ण है. मैं अपनी मां को बताना चाहता हूं कि भारतीय सेना ने मेरे साथ अच्छा बर्ताव किया.
आतंकी अली बाबर ने यह भी कहा कि उसे जिस कैंप में रखा गया वहां आने वाले स्थानीय लोगों के साथ भारतीय सेना के अधिकारियों और जवानों का व्यवहार बहुत अच्छा था. उसने कहा, ‘मैं दिन में पांच बार होने वाली अजान सुनता हूं. भारतीय सेना का व्यवहार पाकिस्तानी फौज के एकदम उलट है. मुझे लगता है कि कश्मीर में शांति है.’ पात्रा ने कहा कि इसके उलट पाकिस्तानी कश्मीर में हमारे बेसहारा होने का फायदा उठाते हैं और यहां भेजते हैं.
20 हजार के लिए बना आतंकी
खुद के आतंकी गुट में शामिल होने के बारे में बताते हुए पात्रा ने कहा कि उसके पिता की सात साल पहले मौत हो गई थी और पैसों की कमी के चलते उसे स्कूल छोड़ना पड़ा था. उसने कहा, ‘मैंने सियालकोट की एक कपड़े की फैक्टरी में नौकरी की, जहां मैं अनस से मिला जो लश्कर ए तैयबा के लिए लोगों की भर्ती करता था. मेरी हालत के कारण मैं उसके साथ चला गया. उसने मुझे 20 हजार रुपये दिए और बाद में 30 हजार और देने का वादा किया.’
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आतंकी पात्रा ने यह भी बताया कि खैबर देलीहबीबुल्ला कैंप में पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने उसे किस तरह के हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी थी.