नई दिल्ली: वर्ष 2011 में जब हिलेरी क्लिंटन (Hillary Clinton) अमेरिका की विदेश मंत्री थीं, तब उन्होंने पाकिस्तान के लिए एक बात कही थी. उन्होंने कहा था कि आप अपने घर में सांप पाल कर ये उम्मीद नहीं कर सकते कि वो सिर्फ आपके पड़ोसियों को ही डसेगा. ये सांप उन्हें भी डस सकता है, जो उसे पाल रहे हैं. ऐसा ही आज पाकिस्तान के साथ हुआ है. पाकिस्तान के रावलपिंडी में शुक्रवार से जो क्रिकेट सीरीज न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के बीच शुरू होने वाली थी, उसे न्यूजीलैंड ने रद्द कर दिया.
ढाई बजे शुरू होना था मैच
न्यूजीलैंड की क्रिकेट टीम पाकिस्तान के दौरे पर 6 दिन पहले ही पहुंच गई थी. दोनों टीमों को एक क्रिकेट सीरीज खेलनी थी और इस सीरीज का पहला मुकाबला आज रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम (Rawalpindi Cricket Stadium) में दोपहर ढाई बजे शुरू होना था. तय कार्यक्रम के हिसाब से पाकिस्तान की टीम समय से ग्राउंड पर पहुंच गई और स्टेडियम के अन्दर सुरक्षा के भी कड़े बंदोबस्त कर दिए गए. लेकिन काफी देर इंतजार के बाद भी न्यूजीलैंड की टीम मैच खेलने नहीं आई और इसी दौरान पता चला कि न्यूजीलैंड ने अपनी क्रिकेट टीम को सुरक्षा कारणों से वापस बुला लिया है. पाकिस्तान का इससे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय अपमान नहीं हो सकता था.
आत्मघाती घमला होने का इनपुट
न्यूजीलैंड की सुरक्षा एजेंसियों को ये खबर मिली थी कि आज होने वाले पहले वनडे मैच में रावलपिंडी के क्रिकेट ग्राउंड पर आत्मघाती हमला हो सकता है, जिसकी वजह से ये फैसला लिया गया. इससे ज्यादा शर्मिंदगी पाकिस्तान के लिए कुछ नहीं हो सकती कि वहां एक पूर्व क्रिकेटर के प्रधानमंत्री पद पर होते हुए भी एक देश की टीम को क्रिकेट सीरीज खेलने से पहले ही वापस लौटना पड़ा. इस शर्मिंदगी से बचने के लिए आज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री फोन भी किया और उन्हें भरोसा दिलाया कि इस सीरीज के दौरान कोई आतंकवादी हमला नहीं होगा, लेकिन इसके बावजूद न्यूजीलैंड ने अपना फैसला नहीं बदला.
तालिबान ने दी थी हमले की धमकी
ऐसा नहीं है कि न्यूजीलैंड को अपनी क्रिकेट टीम को पाकिस्तान भेजने में डर नहीं लग रहा था. इस दौरे से पहले न्यूजीलैंड ने अपनी सिक्योरिटी टीम को एक सर्वे के लिए पाकिस्तान भेजा था. इस टीम को ये बताना था कि न्यूजीलैंड की क्रिकेट टीम को पाकिस्तान भेजना सही रहेगा या नहीं और जब इस टीम हरी झंडी दी, तभी क्रिकेट टीम को पाकिस्तान के दौरे पर भेजा गया. ऐसी भी खबरे हैं कि इस दौरान तालिबान ने भी इस सीरीज के दौरान न्यूजीलैंड पर हमले की धमकी दी थी. पाकिस्तान आतंकवाद की वजह से तो अपने देश में कोई सीरीज नहीं खेल सकता था, इसलिए उसने UAE में सारे दौरे कराए. जब इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे, तो पाकिस्तान के लोगों को उम्मीद थी कि सब कुछ बदल जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
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