



Patna: कभी पूर्व का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले पटना यूनिवर्सिट का आज 105वां स्थापना दिवस (Patna University 105th Foundation Day) समारोह है. ऐतिहासिक व्हीलर सिनेट हॉल में एक समारोह में छात्रों को मेडल दिया जाएगा और समारोह में राज्य के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी मौजूद रहेंगे. पटना यूनिवर्सिटी में जब 105वां स्थापना दिवस मना रहा होगा, उस वक्त बिहार के लाखों छात्र के मन में सवाल ये है क्या विश्वविद्यालय अपने पुराने गौरव को कायम रख पाया है. इसका जवाब नहीं में है.
‘PU की पढ़ाई और आधारभूत संरचना लगातार कमजोर हो रहा’
विश्वविद्यालय के छात्र और कॉलेजों के प्रिंसिपल भी मानते हैं कि यूनिवर्सिटी की पढ़ाई और आधारभूत संरचना लगातार कमजोर होती जा रही है. प्रोफेसर राजकिशोर प्रसाद के मुताबिक, साल 2017 में जब प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) आए थे और पीएम के मंच पर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और दूसरे दिग्गज नेता भी मौजूद थे. एक मांग थी सेंट्रल यूनिवर्सिटी कि वो भी पूरी नहीं हो सकी है. आधारभूत संरचना काफी कमजोर है.
दरअसल, पटना यूनिवर्सिटी (Patna University) न सिर्फ प्रोफेसरों की कमी से जूझ रही है बल्कि इसके तहत आने वाले कॉलेजों की हालत खस्ता है. पटना कॉलेज बिहार का सबसे पुराना कॉलेज है और साल 2019 में इसे सी ग्रेड मिला है. बाकी कॉलेजों की भी स्थिति भी बेहद ही खराब है. खुद पटना यूनिवर्सिटी को ही ‘बी’ प्लस ग्रेड मिला है. सवाल है कि यूनिवर्सिटी की ग्रेडिंग के मामले में क्या स्थिति है?
कॉलेज कितना साल पुराना ग्रेड
पटना विश्वविद्यालय 105 बी प्लस
पटना कॉलेज 156 सी ग्रेड
बीएन कॉलेज 132 सी ग्रेड
पटना लॉ कॉलेज 112 बी ग्रेड
पटना साइंस कॉलेज 92 बी ग्रेड
मगध महिला कॉलेज 75 बी प्लस
वाणिज्य महाविद्यालय 68
पटना ट्रेनिंग कॉलेज 113 बी
वीमेंस ट्रेनिंग कॉलेज 70
हम यहां ग्रेड का जिक्र इसलिए भी कर रहे हैं क्योंकि नैक (NAAC) की टीम से जो ग्रेड मिलता है उसी के आधार पर कॉलेजों के सरकार वित्तीय मदद भी करती है.
एक नजर पटना कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्रों पर
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda),पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha), बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी,पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे डॉक्टर बीसी राय, जय प्रकाश नारायण, ललित नारायण मिश्र (Lalit Narayan Mishra), रामधारी सिंह ‘दिनकर’ (Ramdhari Singh Dinkar), बिहार केसरी डॉक्टर श्रीकृष्ण सिंह पटना कॉलेज के छात्र रहे हैं.
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अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि यहां से आगे विश्वविद्यालय प्रबंधन क्या करे ताकि इसका ऐतिहासिक गौरव दोबारा हासिल हो सके. यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेस गिरिश कुमार चौधरी भी मानते हैं कि हर बीते दिनों के साथ इसका प्रदर्शन गिरता जा रहा है. हालांकि, उन्हें भरोसा है कि पटना विश्वविद्यालय (Patna University) को पर्याप्त वित्तीय मदद और शिक्षक मिलने पर इसकी स्थिति सुधारी जा सकती है. स्थिति तो सही नहीं कही जा सकती है लेकिन हम अच्छाई की उम्मीद हर वक्त करते हैं. हमें विश्वास है कि, सरकार पूरी मदद देगी और स्थिति को सुधार लिया जाएगा. जिस कॉलेज से पढ़कर छात्र सिविल सर्विसेज में सफलता हासिल करते रहे. खुद बीजेपी के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी पटना विवि के पूर्ववर्ती छात्र रहे हैं. ऐसे छात्रों की यूनिवर्सिटी की हालत हर बीते दिनों के साथ खराब होती जा रही है. अगर ईमानदारी से पटना यूनिवर्सिटी पर मेहनत की गई तो ये अपने अच्छे दिनों को दोबारा हासिल कर लेगा वरना स्थापना दिवस समारोह सिर्फ औपचारिकता बनकर रह जाएगा.